हाइवा मालिक और ग्रामीणों के संघर्ष में कई घायल, तनाव
हजारीबाग, 13 अगस्त (हि.स.)। जिले के केरेडारी थाना के तजोरदाग क्षेत्र में अवैध खनन और एनटीपीसी-ऋत्विक कंपनी की मनमानी के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश अब हिंसक टकराव में तब्दील हो गया है। इस विवाद ने न केवल स्थानीय प्रशासन के सामने चुनौती खड़ी कर दी है,
अंबा प्रसाद की फाइल फोटो


हजारीबाग, 13 अगस्त (हि.स.)। जिले के केरेडारी थाना के तजोरदाग क्षेत्र में अवैध खनन और एनटीपीसी-ऋत्विक कंपनी की मनमानी के खिलाफ ग्रामीणों का आक्रोश अब हिंसक टकराव में तब्दील हो गया है। इस विवाद ने न केवल स्थानीय प्रशासन के सामने चुनौती खड़ी कर दी है, बल्कि क्षेत्र में शांति और विकास के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया है। यह बातें कांग्रेस की राष्ट्री य सचिव और पूर्व विधायक अंबा प्रसाद ने बुधवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही।

उन्होंने कहा कि कंपनी की बर्बर कार्रवाई और दूसरी ओर हाइवा मालिकों का हिंसक हमलों के बाद पूरे इलाके में दहशत पैदा कर दी है।

फैक्ट्री ध्वस्त करने से घटना हुई शुरू

अंबा ने बताया कि यह एक अगस्त को तब शुरू हुआ जब एनटीपीसी के माइंस डिवीजन ऑफिसर (एमडीओ) और ऋत्विक कंपनी ने जोरदाग में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव की लगभग एक एकड़ जमीन पर बनी चिमनी, फायरक्ले फैक्ट्री, आवासीय भवन और चहारदीवारी को बिना किसी पूर्व सूचना या मुआवजे के बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल तैनात थी, जिसने ग्रामीणों के विरोध को दबाने में मदद किया। घटना की सूचना मिलते ही योगेंद्र साव मौके पर पहुंचे और अधिकारियों से पूछा कि बिना उनकी सहमति और मुआवजा भुगतान के उनकी संपत्ति कैसे तोड़ी जा सकती है।

कोल माइंस का संचालन बंद कराया

अंबा ने बताया योगेंद्र साव ने कार्रवाई रुकवाने की मांग की, लेकिन कंपनी के अधिकारियों ने उनकी बात को अनसुना करते हुए बल प्रयोग शुरू कर दिया।

कथित तौर पर अधिकारियों ने योगेंद्र साव को धक्का-मुक्की कर वहां से हटाने की कोशिश की और कहा कि मुआवजा एनटीपीसी ने ट्रेजरी में जमा कर दिया है। इसके बाद सैकड़ों ग्रामीण योगेंद्र साव के समर्थन में जुट गए। उन्होंने बुलडोजर को खदेड़ दिया और चट्टी बारियातु कोल माइंस का संचालन बंद करा दिया, जिसने क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा दिया।

धरना दे रहे हाइवा मालिकों पर किया हिंसक हमला

उन्होंने बताया कि माइंस बंद होने से कोयला परिवहन प्रभावित हुआ, जिससे हाइवा ऑनर नाराज हो गए और रात करीब 10:30 बजे, हाइवा ऑनर एसोसिएशन के सदस्य और उनके चालक धरने पर बैठे ग्रामीणों पर टूट पड़े। ये ग्रामीण मुआवजा, विस्थापन और नियमानुसार खनन-परिवहन की मांग को लेकर धरना दे रहे थे। हाइवा ऑनरों ने लाठी-डंडों से बर्बर हमला किया, जिसमें कई ग्रामीण घायल हो गए। अचानक हमले से बचाव के लिए ग्रामीणों ने पथराव शुरू कर दिया, जिसमें कुछ हाइवा समर्थक भी चोटिल हुए।

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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak