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जम्मू, 13 अगस्त (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के राज्य का दर्जा बहाल करने के आंदोलन के तहत रामबन और रियासी जिलों के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता जम्मू में पार्टी मुख्यालय, शहीदी चौक पर दिनभर के लिए धरने और भूख हड़ताल पर बैठे। यह कदम पार्टी द्वारा चलाए जा रहे श्रृंखलाबद्ध अनशन कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसके तहत दोनों संभागों के नेता अपने-अपने निर्धारित दिन पर जम्मू और श्रीनगर मुख्यालय में अनशन कर रहे हैं।
बुधवार के कार्यक्रम में जेकेपीसीसी प्रमुख तारेक हमीद कर्रा, कार्यकारी अध्यक्ष रमण भल्ला, पूर्व मंत्री मुला राम, मुख्य प्रवक्ता रविंदर शर्मा, पूर्व मंत्री योगेश साहनी, पूर्व एमएलसी वेद महाजन, पूर्व मंत्री यश पाल कुंदल, पूर्व विधायक अशोक डोगरा, डीसीसी अध्यक्ष भूपिंदर सिंह जम्वाल (रियासी), परवेज वानी (रामबन) सहित महिला कांग्रेस, एनएसयूआई, सेवा दल और अन्य प्रकोष्ठों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल हुए। धरनास्थल पर हमारी रियासत हमारा हक, स्टेटहुड बहाल करो जैसे नारे गूंजते रहे।
सभा को संबोधित करते हुए जेकेपीसीसी प्रमुख तारेक हमीद कर्रा ने कहा कि कांग्रेस राज्य के दर्जे की बहाली के लिए संघर्ष को जमीनी स्तर तक ले जाएगी और इसे जन आंदोलन बनाएगी। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि संसद के मौजूदा सत्र में बिना देर किए यह वादा पूरा किया जाए, वरना बीजेपी के खोखले दावों का पर्दाफाश होगा। कार्यकारी अध्यक्ष रमण भल्ला ने कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करना जम्मू-कश्मीर के 1.40 करोड़ नागरिकों का बुनियादी अधिकार और पहचान है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने पिछले छह वर्षों से लोगों के साथ धोखा किया है और डोगरा राज्य का ऐतिहासिक दर्जा छीन लिया।
पूर्व मंत्री मुला राम ने कहा कि कांग्रेस 1.4 करोड़ लोगों की लड़ाई लड़ रही है और केवल वही मांग कर रही है जो मोदी सरकार ने वादा किया था। पूर्व मंत्री योगेश साहनी ने इसे डोगरा पहचान और लोगों के अधिकार छीनने का मामला बताया, जबकि यश पाल कुंदल ने इसे आम जनता और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य से जुड़ी लड़ाई कहा। धरने में बड़ी संख्या में दोनों जिलों के वरिष्ठ नेता, पूर्व विधायक, डीसीसी अध्यक्ष, विभिन्न प्रकोष्ठों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा