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जम्मू, 12 अगस्त (हि.स.)। सरकारी शिक्षा महाविद्यालय, कैनाल रोड, जम्मू के पुस्तकालय विभाग ने भारत में पुस्तकालय विज्ञान के जनक डॉ. एस.आर. रंगनाथन की 133वीं जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया। की इस अवसर पर वर्तमान युग में पुस्तकालयों का महत्व विषय पर उद्धरण लेखन गतिविधि आयोजित की गई, जिसमें बी.एड., एम.एड. और आईटीईपी पाठ्यक्रमों के अनेक विद्यार्थियों ने भाग लिया।
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों में बी.एड. की तानिया मेहरा, रश्मि शर्मा, तनिष्क सुम्ब्रिया, तनिका चिब, मानसी शर्मा, ईशा भगत, प्रियंका चिब, पिहू हरजिंदर कौर, एम.एड. की रीतू सिंह और रज़िया सुल्ताना तथा आईटीईपी की प्रिंसी शर्मा शामिल रहीं। विद्यार्थियों ने प्रेरक और सारगर्भित उद्धरण लिखकर शिक्षा और समाज में पुस्तकालयों की अहम भूमिका को रचनात्मक ढंग से प्रस्तुत किया। डॉ. रंगनाथन के प्रति सम्मान स्वरूप उनके चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए और पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान को नमन किया गया।
कार्यक्रम का आयोजन पुस्तकालयाध्यक्ष उषा कुमारी और उनकी टीम ने कॉलेज की प्राचार्या डॉ. ज्योति परिहार के मार्गदर्शन में किया। इस अवसर पर उन्होंने डिजिटल युग में भी पुस्तकालयों की ज्ञान, नवाचार और आजीवन शिक्षा के केंद्र के रूप में प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में प्रो. सुनंदा रानी, डॉ. शालिनी शर्मा, प्रो. किरण थापा और प्रो. रमणदीप क्रालिया, पुस्तकालयाध्यक्ष (डायट जम्मू) सहित अनेक गणमान्य शिक्षक उपस्थित रहे, जिन्होंने विद्यार्थियों के प्रयासों की सराहना की। आयोजन ने न केवल डॉ. रंगनाथन के दृष्टिकोण को श्रद्धांजलि दी बल्कि विद्यार्थियों को पुस्तकालय संसाधनों का पूर्ण उपयोग करने के लिए प्रेरित भी किया।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा