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जम्मू, 11 अगस्त (हि.स.)। नेशनल सेक्युलर फोरम (एनएसएफ) ने शहीद खुदीराम बोस की 117वीं पुण्यतिथि पर विश्वविद्यालय परिसर में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की। इस अवसर पर खुदीराम बोस ज़िंदाबाद, इंक़लाब ज़िंदाबाद और भारत माता की जय के नारों के बीच उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जेकेएनसी के प्रांतीय संयुक्त सचिव एवं बीसीसीआई के पूर्व सदस्य अंकुश अब्रोल उपस्थित रहे, जबकि जेकेएनसी के केंद्रीय ज़ोन सचिव व जम्मू जिला संयोजक डॉ. विकास शर्मा ने अध्यक्षता की। एनएसएफ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुखदेव सिंह को अतिथि सम्मान तथा प्रदेश सचिव विक्षय वशिष्ठ को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया।
अंकुश अब्रोल ने अपने संबोधन में एनएसएफ के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि खुदीराम बोस को सच्ची श्रद्धांजलि जम्मू-कश्मीर राज्य के पूर्ण दर्जे की बहाली के संघर्ष को तेज़ करना होगा। उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्षों में, विशेषकर अनुच्छेद 370 हटाए जाने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद, लोगों को काफ़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है।
डॉ. विकास शर्मा ने खुदीराम बोस के जीवन और बलिदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि समाज में व्याप्त नशाखोरी जैसी बुराइयों को खत्म करना ही शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने बताया कि 11 अगस्त 1908 को इस युवा क्रांतिकारी को अंग्रेज़ी शासन का विरोध करने और आज़ादी की आवाज़ बुलंद करने पर फांसी दी गई थी।
डॉ. सुखदेव सिंह ने कहा कि राज्य के दर्जे की समाप्ति के बाद यहां बेरोज़गारी, महंगाई और भेदभाव बढ़ा है, जिससे आमजन को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कार्यक्रम में विक्षय वशिष्ठ, गौरव प्रताप सिंह, अभिषेक उप्पल, नरिंदर सिंह, पपींदर सिंह, रोशन शर्मा, पंकज शर्मा और अरुण सिंह सहित अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा