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रांची, 11 अगस्त (हि.स.)। आईडीबीआई ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईआईडीबीआईओए) के आहवान पर आहूत देशव्यापी एक दिवसीय हड़ताल का आईडीबीआई बैंक कर्मचारी और अधिकारी संघ झारखंड प्रदेश ने समर्थन किया। संघ ने सोमवार को आईडीबीआई बैंक की मेन रोड शाखा के सामने जुटकर सरकार के खिलाफ नारे लगाए। संघ के महासचिव अंशु कुमार ने कहा कि बैंक के निजीकरण के सरकार का फैसला सही नहीं है। यह हड़ताल आईडीबीआई बैंक में सरकार और एलआईसी की हिस्सेदारी के प्रस्तावित विनिवेश के विरोध में है। यह ध्यान देने योग्य बात है कि शुरुआत में भारतीय औद्योगिक विकास बैंक अधिनियम 1964 के तहत एक विकास वित्त संस्थान के रूप में गठित यह बैंक सितंबर 2004 में भारतीय रिजर्व बैंक की एक सहायक कंपनी हुआ करती थी। लेकिन वर्तमान में आईडीबीआई बैंक में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 45 प्रतिशत और एलआईसी की हिस्सेदारी 49 प्रतिशत है। इसलिए जमाकर्ताओं को सॉवरेन गारंटी सेे संरक्षित किया जाता है, जो निजीकरण होने पर समाप्त हो जाएगी। साथ ही डीआईसीजीसी कवर के अनुसार पांच लाख रुपये तक सीमित रहेगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावे चार लाख रुपये तक का असुरक्षित ऋण, केसीसी के रूप में कृषि को ऋण, जनधन खाते खोलना, पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई सभी सरकारी प्रायोजित योजनाएं निजीकरण होने पर ये सारी योजनाएं बैंक की ओर से नहीं की जा सकेंगी।
मौके पर आईडीबीआई बैंक कर्मी अधिकारी सहित क्षेत्रीय कार्यालय और विभिन्न शाखाओं के भारी संख्या में ऑफिसर्स और यूनियन के अन्य सदस्य मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar