राजस्व विभाग के रास्तों का इस्तेमाल कर सकेंगे बिल्डर
राजस्व विभाग के रास्तों का इस्तेमाल कर सकेंगे बिल्डर


-मंत्रिमंडल की बैठक में भूमिगत पाइप लाइन निकालने की मंजूरी

-एग्रो मॉल अलाटियों को मिलेगी राहत

-गन्नौर मंडी के निर्माण को नाबार्ड से ऋण लेगी सरकार

चंडीगढ़, 1 अगस्त (हि.स.)। हरियाणा सरकार ने प्रदेश में राजस्व विभाग के अधीन आते रास्तों के इस्तेमाल को लेकर नियमों में बदलाव कर दिया है। जिसके चलते अब लाइसेंसधारी बिल्डरों को बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के तहत राजस्व रास्तों का उपयोग करने का अधिकार प्रदान करने की लिए नीति को मंजूरी दी गई है।

इससे सीवरेज, जल आपूर्ति, बिजली लाइन, गैस पाइपलाइन जैसी विभिन्न सुविधाएं विकसित करने में सहायता मिलेगी। यह नीति 6 करम (10 मीटर) तक की चौड़ाई वाले राजस्व रास्तों पर लागू होगी।

शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में पंचकूला स्थित एग्रो मॉल के अलॉटियों की शिकायतों के निपटारे के लिए विवाद समाधान-2 नीति लागू की गई। तय समय पर कब्जा न मिलने की स्थिति में भुगतान की गई राशि पर 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज मिलेगा। जिन मामलों में नो ड्यूज सर्टिफिकेट या कन्वेंस डीड हो चुकी है और सिस्टम में बकाया राशि दिख रही है, वहां केवल मूल राशि ही वसूली जाएगी, ब्याज और पेनल्टी माफ की जाएगी।

गन्नौर में अंतरराष्ट्रीय स्तर की मंडी बनाई जा रही है। इसकी लागत करीब 3,050 करोड़ रुपए होगी। इसके लिए नाबार्ड से 1,850 करोड़ रुपए का ऋण हरियाणा सरकार की गारंटी पर मंजूर किया गया है। इस मंडी से हरियाणा के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों के किसानों और दिल्ली के व्यापारियों को भी फायदा होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा