रेवाड़ी में आपदा की स्थिति से निपटने के लिए पांच स्थानों पर पूर्वाभ्यास
मॉक ड्रिल के दौरान घायल को ले जाते हुए कर्मचारी।


रेवाड़ी, 1 अगस्त (हि.स.)। रेवाड़ी में आपदा की स्थिति से निपटने के लिए शुक्रवार को पांच स्थानों पर मॉक ड्रिल की गई। इसमें एनडीआरएफ, पुलिस, स्वास्थ्य, आईटीबीपी, फायर ब्रिगेड, आपदा मित्र सहित सभी विभागों की टीमों ने भाग लिया। इस मौके पर लघु सचिवालय के सभागार में स्थापित कंट्रोल रूम में जिला राजस्व एवं आपदा प्रबंधन कमेटी के चेयरमैन एवं उपायुक्त अभिषेक मीणा बतौर रिस्पॉन्सिबल ऑफिसर व पुलिस अधीक्षक हेमेंद्र मीणा मौजूद रहे।

मॉक ड्रिल के दौरान अमनगनी सोसाइटी को भूकंप की एक साइट बनाया गया था। जहां छठी मंजिल पर चार लोग फंस गए थे। जिन्हें बचाने के लिए एनडीआरएफ की टीम पहुंची। टीम ने चार लोगों को रेसक्यू किया।

शुरूआत में एंबुलेंस लेट आई तो उसे काफी देर तक स्ट्रेचर पर लेकर रहना पड़ा। वहीं बाद में तीसरे घायल के लिए एंबूलेंस हीं नहीं मिली। करीब 15 मिनट तक मॉकड्रिल के दौरान घायल स्ट्रेचर पर रहा। जब डीएसपी ने अपनी ईआरवी गाड़ी से अस्पताल भिजवाने की बात कही तो अस्पताल से एंबूलेंस पहुंची। जिसमें तीसरे व चौथे घायल को अस्पताल तक पहुंचाया गया।

यह मॉक ड्रिल अमनगनी रेजिडेंशियल एरिया, आरपीएस स्कूल, पुष्पांजलि हॉस्पिटल, सेक्टर-19 स्थित डीईटीसी ऑफिस व बावल में कन्साई नेरोलेक कंपनी में करवाई गई। इसमें नेरोलेक कंपनी में केमिकल रिसाव तथा बाकी चार स्थानों पर भूकंप पर आधारित मॉक ड्रिल हुई। लघु सचिवालय परिसर के पीछे हुडा मैदान को स्टेजिंग एरिया बनाया गया। यहां मॉक ड्रिल में प्रयोग किए जाने वाले सभी वाहन, एंबुलेंस, सुरक्षा दस्ते, विभागीय टीमें तथा उपकरण तैनात रहें। जैसे ही मॉक ड्रिल सेंटर से आपदा की घटना के बारे में सूचना मिली, यहां से तुरंत सभी टीमों को डिजास्टर साइट पर भेजा गया। लघु सचिवालय के सभागार में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया। मॉक ड्रिल की विशेषता यह रही कि इसमें किसी लैंडलाइन या मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं किया गया, केवल सैटेलाइट फोन का प्रयोग ही किया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्याम सुंदर शुक्ला