अंबिकापुर: प्रतिबंध के बावजूद धड़ल्ले से हो रहा अवैध रेत खनन और परिवहन
सीतापुर इलाके में रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन


अंबिकापुर, 1 अगस्त (हि.स.)। सरगुजा जिले के सीतापुर क्षेत्र में प्रतिबंध के बावजूद रेत माफिया बेलगाम होते जा रहे हैं। मानसून के दौरान नदी-नालों से रेत खनन एवं परिवहन पर रोक के बावजूद अवैध कारोबार पूरे जोर-शोर से जारी है। माफिया न केवल नियमों को धता बता रहे हैं, बल्कि ट्रैक्टर व मिनी ट्रकों के जरिए नदी से रेत निकालकर उसे सोनतराई क्षेत्र में खुलेआम डंप कर रहे हैं। इसके पीछे मंशा स्पष्ट है, बारिश के दिनों में रेत की किल्लत का फायदा उठाकर ऊंचे दामों में रेत बेचना और मोटा मुनाफा कमाना।

प्रशासन की निष्क्रियता इस अवैध कारोबार को खुला संरक्षण दे रही है। 15 जून से बारिश के मौसम में खनन पर लगी सरकारी रोक के बावजूद लगातार रेत का दोहन हो रहा है। यह न केवल शासन को राजस्व की हानि पहुँचा रहा है, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी नदी-नालों के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। कटाव, जल प्रदूषण, जलीय जीवों और वनस्पतियों को हो रहे नुकसान की अनदेखी कर माफिया मुनाफे की हवस में नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

सोनतराई में हो रहा रेत का जमावड़ा प्रशासनिक तंत्र की आँखों में धूल झोंकते हुए नेशनल हाईवे के किनारे खुलेआम जमा किया जा रहा है। यहाँ लगातार कई दिनों से अवैध खनन की रेत ट्रैक्टर और मिनी ट्रकों से लाई जा रही है। पहले भी इसी जगह से भारी मात्रा में रेत डंप कर ऊंचे दामों में बेचा गया था, और अब एक बार फिर वही सिलसिला दोहराया जा रहा है।

अधिकारी इस पूरे मामले में या तो अनजान बनने का ढोंग कर रहे हैं या जानबूझकर चुप्पी साधे हुए हैं। दिनदहाड़े हो रही गतिविधियों के बावजूद न खनिज विभाग की कार्रवाई दिख रही है और न ही प्रशासन की सक्रियता। इससे यह संदेह गहराता जा रहा है कि क्या अवैध कारोबारियों को सत्ता-प्रशासन का संरक्षण प्राप्त है?

इस पूरे मामले पर जब एसडीएम नीरज कौशिक से प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने कहा कि यदि रेत खनन और परिवहन प्रतिबंध के बावजूद हो रहा है, तो यह स्पष्ट रूप से गलत है। माइनिंग इंस्पेक्टर को मौके पर भेजकर जांच कराई जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार / पारस नाथ सिंह