हिसार : गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के छात्रों की प्लेसमेंट रिकार्ड उत्कृष्ट : प्रो. नरसी राम बिश्नोई
कार्यक्रम में उपस्थित अतिथिगण एवं विद्यार्थी।


हिसार, 1 अगस्त (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के फार्मास्यूटिकल साइंसेज विभाग में एडवेंट इंफोर्मेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड के दो प्रतिनिधियों, एमफार्मा क्षितिज बारी एवं एमफार्मा आदित्य मिश्रा द्वारा एमफार्मा विद्यार्थियों के लिए एक तकनीकी व्याख्यान का आयोजन विभागीय सेमिनार हॉल में किया गया। विश्वविद्यालय के प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने शुक्रवार काे अपने संदेश में इस आयोजन के लिए विभाग की सराहना करते हुए कहा कि फार्मास्युटिकल साइंसेज विभाग विश्वविद्यालय के अग्रणी विभागों में से एक है, जो न केवल हरियाणा बल्कि पूरे भारत में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। यहां के छात्रों की प्लेसमेंट रिकार्ड उत्कृष्ट है और विभाग की अकादमिक, अनुसंधान व औद्योगिक सहभागिता प्रशंसनीय है। विश्वविद्यालय को इस विभाग पर गर्व है।कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम निरंतर होते रहने चाहिए क्योंकि इनसे छात्रों के ज्ञान में वृद्धि होती है और वे उद्योगों में कार्य करने के लिए अधिक सक्षम बनते हैं। इस प्रकार की गतिविधियां विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।इस व्याख्यान का मुख्य विषय ‘मोलसॉफ्ट (मोलीक्यूल इन सिलिको)’ रहा, जिसमें आधुनिक औषधि खोज की तकनीकों पर केंद्रित विषयों जैसे केमोइन्फॉर्मेटिक्स, बायोइन्फॉर्मेटिक्स, मोलसॉफ्ट सॉफ्टवेयर, इन-सिलिको स्टडीज, डॉकिंग एवं दवा खोज की विभिन्न चरणों को विस्तार से प्रस्तुत किया गया। प्रतिनिधियों ने विषय को अत्यंत सरल, व्यावहारिक और शोध आधारित दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया, जिससे विद्यार्थियों को इन तकनीकों की वास्तविक उपयोगिता का गहन ज्ञान प्राप्त हुआ।इस संगोष्ठी में विभाग के वरिष्ठ शिक्षक प्रो. सुमित्रा सिंह, प्रो. अश्विनी जांगड़ा, प्रो. मनीष आहूजा, प्रो.अर्चना कपूर, प्रो. मीनाक्षी भाटिया, प्रो. सुनील सिंहमार, डॉ. रेखा राव, डॉ. समृद्धि, डॉ. कविता, डॉ हिमांशी, डॉ रवि व डॉ नरेश कुमार आदि उपस्थित रहे, जिन्होंने विषयवस्तु को लेकर विद्यार्थियों से गहन संवाद किया। शिक्षकों की इस सक्रिय सहभागिता से कार्यक्रम और अधिक इंटरएक्टिव एवं ज्ञानवर्धक बन गया।इस संगोष्ठी का सफल आयोजन विभाग के संकाय सदस्यों डॉ. विक्रमजीत सिंह एवं डॉ. मनोज मेडल के समन्वय एवं प्रयासों से संभव हो सका, जिन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर छात्रों के लिए इस ज्ञानवर्धक अवसर को उपलब्ध कराया। विभागाध्यक्ष प्रो. सुनील शर्मा ने दोनों विशेषज्ञ अतिथियों का धन्यवाद करते हुए छात्रों को शोध के क्षेत्र में और अधिक सक्रिय होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से छात्रों की वैज्ञानिक सोच और व्यावसायिक क्षमताओं को नई दिशा मिलती है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर