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जींद, 1 अगस्त (हि.स.)। हरियाणा सरकार द्वारा एक अगस्त 2025 से लागू की गई एकीकृत पेंशन योजना यूनिफाई पेंशन स्कीम (यूपीएस) तथा पहले से लागू नई पेंशन योजना (एनपीएस) के विरोध में शुक्रवार को राजकीय महिला महाविद्यालय के सभी नियमित कर्मचारियों ने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने इसे सरकारी सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों के साथ अन्याय बताया और सरकार से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को तुरंत बहाल करने की माँग की। कर्मचारियों ने कहा कि एक सरकारी कर्मचारी अपने जीवन के 30 से 35 वर्ष देश सेवा में समर्पित करता है और इसके बदले उसे सेवानिवृत्ति के बाद न्यूनतम आर्थिक सुरक्षा मिलना उसका वैधानिक और नैतिक अधिकार है लेकिन सरकार द्वारा लागू यूपीएस, एनपीएस योजनाओं में न तो पेंशन की गारंटी है न ही जीवनयापन के लिए पर्याप्त आर्थिक सहायता है।
प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने तख्तियां एवं बैनर के माध्यम से नारेबाजी की और एक स्वर में मांग की कि ओपीएस को पुन: लागू किया जाए तथा यूपीएस, एनपीएस को वापस लिया जाए। कर्मचारियों ने यह भी कहा कि यूपीएस और एनपीएस योजनाएं न्याय, समानता और कर्मचारी हितों के सिद्धांतों के विपरीत हैं। इस विरोध प्रदर्शन में महाविद्यालय के सभी विभागों के शिक्षक एवं गैर.शिक्षण कर्मचारियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। सभी ने यह संकल्प लिया कि जब तक ओपीएस को पुन: लागू नहीं किया जाता तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा।
स्थानीय इकाई ने चेताया कि यदि सरकार कर्मचारियों की इस न्यायोचित मांग पर विचार नहीं करती है तो आने वाले समय में यह आंदोलन राज्यव्यापी रूप लेगा। कर्मचारियों ने सरकार से अपील की कि सेवा में रहते हुए समर्पित कर्मियों को सेवानिवृत्ति के बाद सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार दिया जाए जो केवल ओपीएस के माध्यम से ही संभव है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा