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पत्रकारों से बोले स्पीकर- हिंदी राष्ट्रभाषा, इसका सम्मान होना चाहिए
चंडीगढ़, 9 जुलाई (हि.स.)। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने कहा है कि हाल ही में गुरुग्राम में संपन्न हुए शहरी निकायों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान शहरी निकायों के राष्ट्रीय सम्मेलन में निकायों की कार्य प्रणाली को बेहतर बनाने और निष्पक्ष तौर पर सभी का पक्ष सुनने के लिए विधानसभाओं की तर्ज पर स्पीकर जैसा पद सृजित करने का सुझाव आया ताकि सभी फैसले निष्पक्ष रूप से हों। मध्य प्रदेश में इस प्रकार की पहल हो चुकी है। विधानसभा स्पीकर बुधवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। कल्याण ने कहा कि सम्मेलन के दौरान शहरी निकाय प्रशासन को नवाचार, पारदर्शिता और जनसहभागिता को प्रोत्साहित करने के लिए एआई तकनीक आधारित प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने का संकल्प दोहराया गया। हिंदी भाषा को लेकर चल रहे विवाद पर हरविंद्र कल्याण ने स्पष्ट किया कि हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है, इसका सम्मान होना चाहिए। हमारे देश में विविधता के साथ एकता है, लेकिन कई बार गैर हिंदी राज्यों में इस तरह की बातें आती हैं (स्थानीय भाषा को लागू करना), लेकिन हिंदी का सम्मान होना चाहिए।
उन्होंने एसवाईएल के सवाल के मुद्दे पर दो टूक कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग सही तरीके से होना चाहिए। राज्य इस मुद्दे पर गंभीर है। जो समझौता हुआ है, वह भी लागू हो ताकि हर राज्य का व्यक्ति प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग कर सके। वहीं उन्होंने सरकार की वर्किंग कमेटियों के सुझावों को मानने को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वर्किंग कमेटियों के सुझावों को सरकार के समक्ष पेश किया जाता है। विधानसभा सत्र के दौरान और वर्किंग कमेटियों की चर्चा में सार्थक सुझावों में से सरकार लागू भी करती है।
हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ने शहरी निकायों के राष्ट्रीय सम्मेलन को लेकर कहा कि इस सम्मेलन में 25 राज्यों और 3 केंद्रशासित प्रदेशों से स्थानीय शहरी निकायों के 308 मेयर, चेयरपर्सन और अधिकारियों समेत लगभग 450 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मेलन में दाे केंद्रीय मंत्रियों समेत 10 सांसदों और हरियाणा से करीब 55 मंत्री व विधायकों ने हिस्सा लिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा