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चंडीगढ़, 9 जुलाई (हि.स.)। हरियाणा में बुधवार को सरकारी विभागों के कर्मचारियों और औद्योगिक इकाइयों में लगे श्रमिकों की हड़ताल का मिलाजुला असर दिखा। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और कर्मचारी संघों के फेडरेशन के आह्वान पर आयोजित राष्ट्र व्यापी हड़ताल में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के साथ ही आशा कार्यकर्ताओं, मिड-डे मील वर्कर सहित ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने भागीदारी की।
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बुधवार को हड़ताल सफल रहने का दावा करते हुए कहा कि सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा और हरियाणा कर्मचारी महासंघ के साथ ही मजदूर संगठन सीटू, एटक, एचएमएस, एआइयूटीयूसी सहित अन्य कर्मचारी एवं मजदूर संगठनों ने हड़ताल में बढ़-चढ़ कर भाग लिया। विभिन्न स्थानों पर धरने-प्रदर्शन किए गए। शहरी स्थानीय निकाय, बिजली, रोडवेज, जन स्वास्थ्य, सिंचाई, लोकनिर्माण, स्वास्थ्य, वन, पर्यटन, शिक्षा, राजस्व, महिला एवं बाल विकास, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण सहित अन्य विभागों में कामकाज प्रभावित हुआ।
उन्होंने बताया कि फरीदाबाद, गुरुग्राम, धारूहेड़ा, मानेसर, बावल, सोनीपत, पानीपत और हिसार में निजी कारखानों में कार्यरत श्रमिकों ने भी हड़ताल में हिस्सा लिया। इसके अलावा बैंकों, इंश्योरेंस, जरनल इंश्योरेंस, पोस्टल, दूरसंचार सहित केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में हड़ताल से सेवाएं बाधित हुईं।
इस बीच हरियाणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने भारत बंद का समर्थन करते हुए कहा कि श्रमिक वर्ग की अनदेखी सरकार को भारी पड़ेगी। लोकतंत्र में विरोध को दबाना नहीं, बल्कि सुना और समझा जाना चाहिए। लोकतांत्रिक देश में मजदूर वर्ग की अनदेखी करना सामाजिक और आर्थिक असमानता को बढ़ावा देगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा