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चंडीगढ़, 9 जुलाई (हि.स.)। हरियाणा सरकार ने बीपीएल वर्ग को दिए जाने वाले सस्ते सरसों तेल के दाम बढ़ाने के बाद विपक्ष की घेराबंदी को देखते हुए फिर से अपनी पॉलिसी को बदल दिया है। सरकार ने बुधवार को सरसों के सस्ते तेल को लेकर स्लैब प्रणाली लागू कर बीपीएल परिवार को सस्ते दर पर केवल लीटर देने का ऐलान किया है।
प्रदेश में करीब 47 लाख बीपीएल परिवारों को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग राशन डिपो के जरिये गरीबों को सस्ती दर पर सरसों का तेल उपलब्धकराता है। सरकार राज्य के गरीब परिवारों को 20 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से महीने में दो लीटर सरसों का तेल मुहैया करवाता था। राज्य सरकार ने पिछले दिनों ही इसकी कीमतों में बढ़ोतरी की थी। इसका प्रदेशभर में व्यापक विरोध हुआ। विपक्षी दलों ने भी इस बढ़ोतरी पर नाराजगी जाहिर है। विवाद के बीच अब खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजेश नागर ने स्पष्ट किया है कि दो लीटर तेल लेने पर बढ़ी हुई कीमतें ही देनी होंगी। साथ ही, उन्होंने गरीब परिवारों को विकल्प दिया है। अगर बीपीएल परिवार महीने में केवल एक ही लीटर सरसों का तेल लेते हैं तो उन्हें 30 रुपये देने होंगे। राज्य मंत्री राजेश नागर ने मीडिया से कहा कि बीपीएल कार्डधारक अगर एक लीटर तेल लेता है तो उसे 30 रुपये ही देने पड़ेंगे। यदि वह दो लीटर तेल लेता है तो उसे 100 रुपये ही देने होंगे।
पिछले दिनों सरकार ने 20 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर सरसों के तेल के भाव 50 रुपये प्रति लीटर कर दिया। इसके लिए विभाग ने सभी जिलों के अधिकारियों को पत्र जारी करके कहा था कि बीपीएल परिवारों से अब दो लीटर सरसों के तेल की कीमत एक सौ रुपये ली जाए। पिछले साल लोकसभा व विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में बीपीएल परिवारों की संख्या सबसे अधिक बढ़ी थी। हालांकि पिछले कुछ महीनों के दौरान सरकार ने 6 लाख से अधिक परिवारों के नाम बीपीएल सूची से काटे भी हैं। राज्य में बीपीएल परिवारों की संख्या बढक़र 52 लाख 50 हजार तक पहुंच गई थी। विपक्ष ने बीपीएल सूची से नाम काटने का विरोध भी किया जा रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा