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जींद, 6 जुलाई (हि.स.)। शहीदों के सर्वोच्च बलिदान को नमन करते हुए रविवार को शहीद स्मारक पर स्वतंत्रता सेनानी परिवारों की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिला प्रधान अशोक कुमार मित्तल ने की। यहां शहीद परिवारों ने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी अमर शहादत को सलाम किया।
बैठक में उपस्थित स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों ने अपनी उपेक्षा को लेकर गहरी नाराजगी जताई। अशोक कुमार ने बताया कि वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों की प्रथम पीढ़ी को 15 अगस्त और 26 जनवरी जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर सम्मानित किए जाने संबंधी निर्देश सभी जिलों के उपायुक्तों को भेजे गए थे लेकिन आजतक उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। परिजनों का आरोप है कि जिला उपायुक्त स्तर पर उन निर्देशों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। हर वर्ष हमें झूठा आश्वासन दिया जाता है कि एक कमेटी गठित की जाएगी लेकिन नौ वर्षों में कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया। न तो उत्तराधिकारियों की सूची तैयार की गई है और न ही कोई सुनवाई हुई है। उन्होंने रोष प्रकट करते हुए कहा कि स्वतंत्रता सेनानी परिवारों की मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से मिलने का समय जल्द से जल्द सुनिश्चित किया जाएगा। सभी उपस्थितजनों ने एक स्वर में मांग की कि सरकार स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए उनकी वर्षों पुरानी मांगों पर संज्ञान ले और जल्द से जल्द न्याय सुनिश्चित करे। इस अवसर पर मास्टर सुरेंद्र, दयानंद यादव, मोतीराम पांचाल, भीम सिंह, हुकुमचंद सहित कई अन्य स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के सदस्य उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा