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कोलकाता, 04 जुलाई (हि. स.)। कोलकाता एयरपोर्ट के ताज में जुड़ा एक और चमकता हुआ पंख। राजस्व और मुनाफे के लिहाज से साल 2023-24 ने 2019-20 के पूर्व-कोविड रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। इतना ही नहीं, कोलकाता एयरपोर्ट ने चेन्नई एयरपोर्ट को भी पीछे छोड़ दिया है। 2023-24 में कोलकाता एयरपोर्ट ने चेन्नई की तुलना में लगभग ढाई गुना ज्यादा मुनाफा कमाया। जहां चेन्नई को 282 करोड़ रुपये का लाभ हुआ, वहीं कोलकाता एयरपोर्ट को 670 करोड़ रुपये का लाभ हुआ। राजस्व के मामले में भी कोलकाता चेन्नई से 30 प्रतिशत आगे है। इस वर्ष कोलकाता एयरपोर्ट का कुल राजस्व एक हज़ार 578.6 करोड़ रुपये रहा, जबकि चेन्नई का राजस्व एक हज़ार 212.8 करोड़ रुपये रहा।
कोलकाता एयरपोर्ट के निदेशक प्रभात रंजन बेउरिया ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि 2019-20 की तुलना में 2023-24 में कोलकाता एयरपोर्ट ने 23 प्रतिशत अधिक मुनाफा कमाया। 2019-20 में यह आंकड़ा 545 करोड़ रुपये था। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि वर्ष 2025-26 में कोलकाता एयरपोर्ट का लाभ एक हजार रोड़ रुपये को पार कर जाएगा।
कोलकाता एयरपोर्ट की कुल कमाई का 79 प्रतिशत हिस्सा ट्रैफिक (यातायात) से आया है, जिसमें फ्लाइट की लैंडिंग, टेक-ऑफ और पार्किग शुल्क शामिल हैं। वहीं, अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से 15 प्रतिशत राजस्व मिला। देश के भीतर हवाई सेवा के लिए कोलकाता एयरपोर्ट बेहद महत्वपूर्ण है, खासकर उत्तर-पूर्वी भारत के लिए।
प्रभात रंजन ने बताया कि घरेलू उड़ानों के मामले में कोलकाता एयरपोर्ट ने कोरोना से पहले के यात्री रिकॉर्ड को तोड़ दिया है और यदि आने वाले समय में डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट्स की संख्या बढ़ती है, तो यात्रियों की संख्या और बढ़ेगी।
आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2024 से दिसंबर 2024 तक 2.1 करोड़ यात्रियों और 1.5 लाख फ्लाइट्स ने कोलकाता एयरपोर्ट का इस्तेमाल किया। 2023 में यह संख्या 1.8 करोड़ थी। इस मामले में भी ग्राफ ऊपर ही जा रहा है। 2019 में यह संख्या 2.3 करोड़ थी, जो कोरोना काल में घटकर 94.6 लाख पर आ गई थी। एक फ्लाइट पर औसतन यात्रियों की संख्या भी 2019 के मुकाबले बढ़ गई है। फिलहाल यह संख्या प्रति फ्लाइट 146 है जबकि 2019 में यह 143 थी। वर्ष 2022 और 2023 में यह संख्या क्रमशः 123 और 129 थी।
हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय