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दमोह, 4 जुलाई (हि.स.)। दमोह में निर्माणाधीन मेडीकल कॉलेज के मामले में जमीन का मसला सामने आया है, जिसमें कुछ भाग रिर्जव फारेस्ट का बताया जाता है। वहीं कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर का कहना है कि मामला आपस में मिलकर ठीक कर लिया जायेगा। वन मंडलाधिकारी ईश्वर जरांडे ने बताया कि यह सच है कि रिर्जव फारेस्ट का कुछ हिस्सा इसमें है। रिकार्ड दुरूस्त करने हमने कलेक्टर को पत्र लिखा है।
उल्लेखनीय है कि तत्कालीन कलेक्टर तरूण राठी के निर्देश पर एसडीएम, तहसीलदार, आरआई, पटवारी के द्वारा 30 एकड़ भूमि का आवंटन मेडीकल कॉलेज के लिये किया गया था। वहीं समीप ही जेल एवं अंबेडकर कॉलेज भी प्रस्तावित किया गया था। आवंटित 30 एकड़ भूमि में से एक बड़ा भाग रिर्जव वन भूमि के अंतर्गत है। महत्वपूर्ण बात यह है कि वन विभाग से राजस्व विभाग ने न तो अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया न ही सूचना दी। अब वन विभाग समीप की बाकी भूमि को अपने कब्जे में लेेने में लगा हुआ है।
कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि मेडीकल कॉलेज के निर्माणाधीन भवन की भूमि की जगह हम वन विभाग को दूसरी भूमि देंगे। वन मंडलाधिकारी ईश्वर जरांडे ने बताया कि भूमि 1974 से वन विभाग के दस्तावेजों में दर्ज है।
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हिन्दुस्थान समाचार / हंसा वैष्णव