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चंडीगढ़, 4 जुलाई (हि.स.)। हरियाणा पुलिस ने अपने 54 हजार कर्मचारियों को नए आपराधिक कानूनों की ट्रेनिंग प्रदान कर दी है। एक जुलाई 2024 से लागू हुए भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को लागू करने के लिए हरियाणा पुलिस ने राज्य स्तर पर एक मिशन मोड में कार्य किया। इसमें व्यापक प्रशिक्षण, डिजिटल निगरानी प्रणाली, फॉरेंसिक क्षमताओं का उन्नयन और कार्यप्रणाली का डिजिटलीकरण प्रमुख केंद्र रहे।
हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने शुक्रवार को एक बयान में बताया कि टेक्नोलॉजी और ट्रेनिंग को न्याय प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा बनाकर पारदर्शिता, दक्षता और जन-केंद्रितता की नई दिशा तय की है। उन्होंने बताया कि हरियाणा पुलिस ने 54 हजार 329 पुलिसकर्मियों को नए आपराधिक कानूनों के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया है। इसके साथ ही 37 हजार 889 पुलिसकर्मियों को आई गोट कर्मयोगी प्लेटफ़ॉर्म पर जोड़ा गया है, जिससे वे स्व-अध्ययन के माध्यम से कानून की बेहतर समझ प्राप्त कर सकें।
डीजीपी ने बताया कि प्रशिक्षण का प्रभाव पुलिस की कार्यप्रणाली पर देखने को मिल रहा है। अब पुलिसकर्मी मामलों की जांच अधिक संवेदनशीलता और दक्षता से कर रहे हैं। तलाशी और जब्ती की 100 प्रतिशत रिकॉर्डिंग अब डिजिटल रूप से हो रही है, जिससे मामलों में पारदर्शिता और साक्ष्य की विश्वसनीयता में बढ़ोतरी हुई है। 91.37 प्रतिशत समन इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भेजे जा रहे हैं, जिससे समय की बचत और प्रक्रिया में तेजी आई है। साथ ही 67.5 प्रतिशत गवाहों और शिकायतकर्ताओं के बयान ई-साक्ष्य एप पर रिकॉर्ड किए जा रहे हैं, जिससे न्याय प्रक्रिया अधिक संरक्षित और भरोसेमंद बनी है। हर जिले में एक मोबाइल फॉरेंसिक वैन तैनात की गई है और बड़े जिलों में दो-दो वैन सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। राज्य सरकार ने 208 नई नियुक्तियों को मंजूरी दी है और 186 रिक्तियों पर भर्ती की प्रक्रिया जारी है। साइबर फॉरेंसिक के क्षेत्र में भी बड़ा निवेश हुआ है, जहां 68.70 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक उपकरणों की खरीद को स्वीकृति दी गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा