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पलामू, 31 जुलाई (हि.स.)। व्यवहार न्यायालय ने गुरूवार को दुष्कर्म के दो अलग-अलग मामलों में दो दोषियों को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों पर 10 हजार रूपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड की राशि नहीं देने पर छह माह अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी।
व्यवहार न्यायालय के जिला और सत्र न्यायाधीश पंचम स्वेता ढींगरा की अदालत ने दुष्कर्म के आरोपित नावाजयपुर के पचकेड़िया के सुनील पासवान को भारतीय दंड विधान की धारा 376 के अंतर्गत दोषी पाते हुए 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
वहीं 10 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। मुदालय पर आरोप था कि 12 मई 2021 को रात में पीड़िता शौच के लिए गई थी। लौटते वक्त आरोपित ने पीछे से पकड़ कर झाड़ियो में ले जाकर जबरदस्ती उसके साथ दुष्कर्म किया और डराया कि किसी से बोलेगी तो जान से मार देंगे।
स्वेता ढींगरा की अदालत ने दुष्कर्म के आरोपित नावाजयपुर के टुइया के सुदर्शन यादव उर्फ अरविंद यादव को भारतीय दंड विधान की धारा 376 के तहत दोषी पाते हुए 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
वहीं 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
आरोपित पर आरोप था कि एक अगस्त 2016 की रात में जब केस की वादी शौच के लिए गई थी तो रास्ते में ही अभियुक्त ने रोककर उसे झाड़ियो में ले जाकर जबरदस्ती दुष्कर्म किया गया और जब वह गर्भवती हो गई तो उससे शादी करने से इनकार कर दिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप कुमार