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अजमेर, 31 जुलाई (हि.स.)। “स्वतंत्रता से पूर्व जैसे हर राष्ट्रभक्त के लिए स्वतंत्र भारत का स्वप्न प्रेरणा का स्रोत था, वैसे ही अब हर भारतीय के लिए अखंड भारत का स्वप्न प्रेरणास्त्रोत बनना चाहिए।” यह विचार विद्या भारती संस्थान, अजमेर के सह सचिव एवं चित्तौड़ प्रांत के पूर्व छात्र प्रमुख भूपेन्द्र उबाना ने विद्या भारती राजस्थान क्षेत्र पूर्व छात्र परिषद द्वारा आयोजित अखंड भारत विषयक ऑनलाइन वेबिनार में मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किए।
उबाना ने कहा कि आज समाज का एक बड़ा वर्ग अखंड भारत के विचार से विमुख है क्योंकि भारत विभाजन को एक स्थापित सत्य मान लिया गया है। उन्होंने कहा कि लोग यह तो मानते हैं कि विभाजन गलत था, लेकिन अब उसे बदला नहीं जा सकता—यही सोच सबसे बड़ी बाधा है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह मानसिकता बदलनी होगी और अखंड भारत का स्वप्न प्रत्येक भारतीय के मन में रोपा जाना चाहिए।
उबाना ने इजराइल और जर्मनी के उदाहरण देते हुए बताया कि यदि इजराइल अठारह सौ वर्षों के बाद और जर्मनी पचास वर्षों में अपनी खोई हुई मातृभूमि पुनः प्राप्त कर सकते हैं, तो भारत के लिए भी यह असंभव नहीं है। आवश्यकता है केवल दृढ़ इच्छाशक्ति और राष्ट्रप्रेम की।
इस अवसर पर विद्या भारती राजस्थान के पूर्व छात्र संयोजक डॉ. सुनील कुमार जांगिड़ ने सभी जिलों के पूर्व छात्र प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे अपने जिलों के प्रत्येक विद्यालय में पूर्व छात्र परिषदों को सक्रिय करें और 1 से 15 अगस्त तक “अखंड भारत पखवाड़ा” को प्रभावी रूप से मनाएं। पखवाड़े के दौरान विद्यालयों में पोस्टर मेकिंग, डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शन, व्याख्यान, प्रबुद्ध जन गोष्ठी तथा पूर्व छात्रों की विशेष गोष्ठियों जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
कार्यक्रम का संचालन चित्तौड़ प्रांत के संरक्षक डॉ. विक्रम मेनारिया ने किया। इस ऑनलाइन आयोजन में राजस्थान के तीनों प्रांतों के पूर्व छात्र संयोजक, सह-संयोजक तथा विद्या मंदिरों की सक्रिय पूर्व छात्र परिषदों के 100 से अधिक पदाधिकारी सम्मिलित हुए। सभी ने पूरे उत्साह के साथ अखंड भारत पखवाड़ा को सफल बनाने का संकल्प लिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष