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आबूरोड, 1 अगस्त (हि.स.)। हम सभी मिलकर एक श्रेष्ठ समाज बनाना चाहते हैं तो प्रत्येक व्यक्ति को अपनी भूमिका निभानी होगी। आपके कंटेंट का प्रभाव समाज पर पड़ता है। आप अपने कंटेंट से बेहतर समाज बनाने में अहम रोल अदा कर सकते हैं। इसलिए अध्यात्म से अपने व्यक्तित्व को इतना प्रभावी बनाएं कि बाहरी परिस्थितियों का आपकी आंतरिक अवस्था पर प्रभाव नहीं पड़े। उक्त उद्गार ब्रह्माकुमारीज़ की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके जयंती दीदी ने व्यक्त किए। मौका था ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मनमोहिनीवन स्थित ग्लोेबल ऑडिटोरियम में चल रही सोशल मीडिया एन्फलुएंसर रिट्रीट का। इसमें देशभर से 350 से अधिक एन्फलुएंसर पहुंचे हैं।
इनर एन्फलुएंस विषय पर संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमने दुनिया को तो जान लिया है, लेकिन खुद का ही ज्ञान नहीं है। अपनी वास्तविक पहचान को जानना जरूरी है। जीवन में सबसे जरूरी है स्वराज्य। स्वराज्य अर्थात् हम अपनी कर्मेंद्रियों के मालिक बनें, मन-बुद्धि पर हमारा कंट्रोल हो। जब हम खुद को आत्मा समझकर परमात्मा की याद में कर्म करते हैं तो ऐसे कर्म श्रेष्ठ कर्म, सुकर्म बन जाते हैं। पावर ऑफ डिजिटल एन्फलुएंस विषय पर वरिष्ठ राजयोगी बीके सूरज भाई ने कहा कि अध्यात्म का मतलब है आत्मा के बारे में संपूर्ण ज्ञान और उसे जीवन में उतार लेना ही अध्यात्म है। संसार की सभी समस्याओं का मूल कारण पांच विकार हैं। अध्यात्म में सभी समस्याओं का समाधान समाया हुआ है। मैंने योग के प्रयोग सिखाकर लाखों लोगों को जीवन की समस्याओं से बाहर निकाला है। योग का अर्थ है परमात्मा का हो जाना, परमात्मा की याद में समां जाना। जो योग में रहकर कर्म करता है उसे ही कर्मयोगी कहा जाता है।
गुरुग्राम के ओम शांति रिट्रीट सेंटर की निदेशिका राजयोगिनी बीके आशा दीदी ने कहा कि हमारी संस्कृति में कहा जाता है कि निंदक नियरे राखिए। यदि जीवन में सफल होना है तो निंदक होना जरूरी है। निंदक ही हमें बताता है कि हमारे अंदर क्या कमी, कमजोरी है। मित्र कभी भी हमारी कमी-कमजोरी नहीं बताता है। जब गुलाब का फूल खिलता है तो उसके चारों ओर कांटें होते हैं और वह सुरक्षित रहता है। मैंने अपने बड़े से यही सीखा है कि हमें मान-सम्मान, प्रशंसा और ग्लानि में एक समान रहना है। जिसके अंदर यह बात आ गई वह जीवन में कभी विचलित नहीं हो सकता है। द सीक्रेट इन्ग्रीिडएंट फॉर क्रिएटिव एक्सीलेंस विषय पर मोटिवेशनल स्पीकर प्रो. डॉ. स्वामीनाथन भाई ने कहा कि जब हमारा मन शांत होने लगता है, रिलेक्स हो जाता है तो हम जिस समस्या का समाधान ढूंढ रहे हैं वह अपने आप आ जाता है। शांत मन से दुनिया की हर समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। जीवन का कोई भी मोड़ हो, परिस्थिति हो, जब लगे कि अब कुछ समझ नहीं आ रहा है, क्या करें, क्या न करें तो ऐसे समय में एकांत में शांति से बैठकर चिंतन करें। आपका मन उस समस्या का सबसे बेहतर समाधान दे देगा। इसलिए जीवन में मन की स्थिति को अच्छा बनाने और रखने पर जोर होना चाहिए।
गुजरात कलोल की सिंगर डॉ. बीके दामिनी बहन ने राजयोग मेडिटेशन सेशन में राजयोग से शांति की अनुभूति कराई। संचालन बीके डॉ. रीना बहन और बीके पल्लवी बहन ने किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित