टीएमसी ने अमेरिका के शुल्क बढ़ाने को बताया विदेश नीति की विफलता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी


कोलकाता, 31 जुलाई (हि.स.)। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने गुरुवार को केंद्र सरकार की विदेश नीति को लेकर सवाल खड़े किए हैंं। पार्टी ने कहा कि अमेरिका द्वारा भारत से आने वाले सभी सामानों पर एक अगस्त से 25 प्रतिशत (टैरिफ) शुल्क लगाने का फैसला इस विफल विदेश नीति का ही परिणाम है, जिसमें प्रचार और भव्य आयोजनों को कूटनीति से अधिक महत्व दिया गया।

टीएमसी ने 'एक्स' पर पोस्ट में लिखा, बात को जोड़ कर देखिए- भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ और अतिरिक्त दंड लगाया गया है, जो चीन, जापान या वियतनाम से भी अधिक है। रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। यही नतीजा है जब विदेश नीति को प्रचार और फोटो-ऑप्स में बदल दिया जाता है। वैश्विक छवि सजाई गई, लेकिन वास्तविक कूटनीति को नजरअंदाज किया गया। अब इसका खामियाजा भारत को भुगतना पड़ रहा है।

टीएमसी की यह टिप्पणी उस समय आई जब केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने संसद के दोनों सदनों में बयान देते हुए कहा कि अमेरिका के इस फैसले के संदर्भ में भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।

गोयल ने अपने सुओ मोटो बयान में कहा कि केंद्र सरकार इस निर्णय के प्रभावों का अध्ययन कर रही है और निर्यातकों, उद्योग प्रतिनिधियों सहित सभी संबंधित पक्षों से परामर्श कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार स्थिति का व्यापक मूल्यांकन कर भविष्य की रणनीति तय करेगी।

इस पूरे विवाद की पृष्ठभूमि बुधवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अचानक की गई घोषणा है, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत से आने वाले सभी सामानों पर एक अगस्त से 25 प्रतिशत टैरिफ लगेगा। इसके साथ ही भारत द्वारा रूसी कच्चे तेल और सैन्य उपकरणों की खरीद जारी रखने पर कार्रवाई का भी संकेत दिया गया है।

टीएमसी नेताओं ने आरोप लगाया कि यह फैसला भारत की विदेश नीति में गहराते संकट को दर्शाता है, जिसमें नीतिगत गंभीरता के बजाय नाटकीयता हावी हो गई है। एक वरिष्ठ टीएमसी नेता ने कहा, 'हाउडी मोदी' से लेकर 'नमस्ते ट्रंप' तक- सब कुछ भव्य आयोजन रहा, नीति कहीं नजर नहीं आई। अब हम इसकी कीमत चुका रहे हैं, हमारे निर्यात प्रभावित हो रहे हैं, हमारी अर्थव्यवस्था संकट में है और वैश्विक साख को नुकसान पहुंचा है।

पार्टी ने भारतीय रुपये के गिरते मूल्य को भी मौजूदा आर्थिक कमजोरी का प्रतीक बताया और कहा, विदेश नीति स्टेडियम में सेल्फी लेने का मंच नहीं है, यह राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने का माध्यम है।

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हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर