उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलाें के मर्जर आदेश के ख़िलाफ़ बनारस में प्रदर्शन
स्कूल बंद करने के आदेश के ख़िलाफ़ प्रदर्शन


विभिन्न सामाजिक संगठनों ने निर्णय वापस लेने की मांग की,सौंपा ज्ञापन

वाराणसी,31 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में 5000 सरकारी स्कूलों को बंद करने के फैसले के खिलाफ सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने यहां गुरूवार को शास्त्रीघाट (कचहरी) पर जमकर प्रदर्शन किया।

साझा संस्कृति मंच और जनांदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय यूपी के संयुक्त तत्वावधान में जुटे कार्यकर्ताओं ने समान शिक्षा के पक्ष में नारे लगाए। इसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री को सम्बोधित मांगोंं का ज्ञापन बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिया। प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओं ने सरकार को सीधे निशाने पर लिया।

सामाजिक कार्यकर्ता वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि स्कूलों के विलय (मर्जर) के आदेश से 27,000 स्कूल प्रभावित होंगे, जिसके परिणामस्वरूप 1,35,000 शिक्षकों , 27,000 प्रधानाध्यापकों, शिक्षामित्र और रसोइयों की सेवाएं समाप्त होंगी। सवाल उठता है कि इन बंद हो रहे स्कूलों के बच्चे क्या नजदीकी स्कूलों में जा पाएंगे ? या फिर प्राइवेट स्कूल की मंहगी फीस के चंगुल में फंस जाएंगे ? खासकर लड़कियों की पढ़ाई पर क्या असर होगा , क्या शासन ने कोई आंकलन रिपोर्ट जाँच इत्यादि करवाई है ?। प्रदर्शन में नन्दलाल मास्टर , सतीश सिंह ,प्रो महेश विक्रम, सुरेश , जागृति राही, कुसुम, सुजाता, पारमिता, पूनम, नीति , इंदु , प्रो. प्रतिमा गोंड ,राजकुमार गुप्ता आदि ने भागीदारी की।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी