कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ और किसान इसकी मूल आत्मा
कन्नौज:- भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि है और किसान इसकी मूल आत्मा।


कन्नौज:- भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि है और किसान इसकी मूल आत्मा।


कन्नौज, 01 अगस्त (हि. स.)। भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि है और किसान इसकी मूल आत्मा। किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में देश की मोदी सरकार निरन्तर कार्य कर रहीं है। किसानों की दिशा एवं दशा बदलने तथा उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु देश के प्रधानमंत्री ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना लॉन्च की है। यह योजना किसानों के लिए केवल आर्थिक सहायता ही नहीं, बल्कि किसानों के प्रति सम्मान और विश्वास का प्रतीक है। यह योजना कृषकों को खेती-किसानी में आर्थिक सहायता प्रदान करने में मील का पत्थर साबित हो रही है, जिससे कृषक अपनी कृषि क्रियाओं को सुचारु रूप से संचालित कर पा रहे हैं।

यह बात उप निदेशक कृषि संतोष कुमार ने कही। उन्हाेंने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 20वीं किस्त कल 02 अगस्त को जनपद कन्नौज के कुल 2,51,315 पात्र कृषकों को, ₹50 करोड़ 26 लाख 30 हजार की धनराशि उनके पंजीकृत खातों में डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरण की जायेगी। उन्हाेंने बताया कि कई बार देखा गया है कि तकनीकी त्रुटियों के कारण कुछ किसानों को किस्त का लाभ नहीं मिल पाता। अतः यह आवश्यक है कि किसान अपने बैंक खाते को आधार से लिंक कराएं, भूमि अभिलेखों का सत्यापन कराएं और ई-केवाईसी अवश्य पूर्ण करें, ताकि आगामी किस्तों में उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई न हो।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत जनपद के कृषकों को निरंतर लाभ प्रदान किया जा रहा है, जो किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी एवं महत्वाकांक्षी सिद्ध हुआ है। इस योजना के प्रारंभ होने से अब तक 19 किस्तों के माध्यम से जनपद के कृषकों को कुल 902.681 करोड़ रुपये की धनराशि डीबीटी के माध्यम से वितरण की जा चुका है, जिससे जनपद लाखों कृषक लाभान्वित हुए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / संजीव झा