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मंडी, 31 जुलाई (हि.स.)। मंडी जिले के सराज, धर्मपुर, करसोग व नाचन में तबाही के बाद अब छोटी काशी मंडी को न जाने किसकी नजर लग गई। मंगलवार तड़के फटे बादलों ने इस प्राचीन ऐतिहासिक व सांस्कृतिक शहर को बेपटरी पर ला दिया। जिस शहर को चौबीसों घंटे पानी की सप्लाई देने की बात थी उसमें तीन दिन से पानी की बूंद नहीं है। कुदरती आपदा ने सब तबाह कर दिया है। उहल नदी से बहाव प्रणाली के तहत पेयजल योजना पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है, शहर की सप्लाई लाइनें भी ध्वस्त हैं। लोग बूंद बूंद को तरस गए हैं, बिना नहाए धोए ही काम चला रहे हैं, पीने के लिए कुदरती जल स्त्रोतों से पानी भर रहे हैं या टैंकरों से पानी मंगवा रहे हैं। यह पानी कितना पीने लायक है इसका किसी को इल्म नहीं है।
जल शक्ति विभाग के सहायक अभियंता रोहित गुप्ता ने कहा कि नुकसान अत्यधिक हुआ है, जगह जगह लाइनें टूटी हुई है, स्रोत स्थल भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त है। इसे ठीक करने में पूरा अमला लगा हुआ है, खराब मौसम इसमें देरी कर रहा है। सप्लाई कब हो पाएगी, अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है, जोर पूरा लगाया गया है।
उधर, मंडी शहर का बिंदरावणी कूड़ा निष्पादन संयंत्र भी भूसख्लन की चपेट में आ गया है। वहां पर कूड़ा डंप नहीं हो पा रहा है, ऐसे में तीन दिनों से शहर को कूड़ा भी उठाया नहीं जा रहा है। जगह जगह गंदगी के ढेर लग गए हैं।
नगर निगम के आयुक्त रोहित राठौर ने कहा कि संयंत्र तक पहुंचने के लिए सड़क को ठीक करने का काम चल रहा है। एक दो दिन में इसे ठीक करके कूड़ा डंप करने काकाम शुरू कर दिया जाएगा और शहर से भी कूड़ा उठा लिया जाएगा।
इधर, मलबे व चट्टानों की चपेट में आए शहर के दो वार्डों के हजारों परिवार खौफ के साए में है। घरों के आसपास मलबा पत्थर जमा हुआ है। टूटे पेड़, चकनाचूर वाहन व बह कर आया कूड़ा गंदगी सब तबाही की याद दिला रहा है। गुरूवार दोपहर बाद फिर से बारिश शुरू हो गई और जो भी राहत के कार्य चल रहे थे, जिंदगी को थोड़ा बहुत पटरी पर लाने की कोशिशें हो रही थी वह भी इस बारिश ने धुंधली कर दी। जेल रोड़, पैलेस कालोनी, अप्पर सैण मट्ट, सैण में कई घर असुरक्षित हो गए हैं जिनके परिवार परिजनों के रहने को मजबूर हैं। ऐसे में सराज के थुनाग उपमंडल के साथ साथ मंडी शहर के लोगों की दुश्वारियां भी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा