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प्रयागराज, 31 जुलाई (हि.स.)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चल रहे श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस मथुरा में केस संख्या-17 में 18 जुलाई को प्रतिनिधि वाद के आदेश के खिलाफ विशेष अपील दायर की गई है।
यह विशेष अपील केस संख्या 7 के वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने दायर की है। यह विशेष अपील अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह, योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट, क्षत्रिय शक्तिपीठ विकास ट्रस्ट की तरफ से दायर की गई है।
अधिवक्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में पूजा स्थल अधिनियम की विचाराधीन रिट में 12 दिसम्बर 2024, अश्वनी कुमार उपाध्याय बनाम यूनियन ऑफ इंडिया आदि में उच्चतम न्यायालय ने निचली अदालतों को इस प्रकार के केसों में अगले आदेश तक किसी भी प्रभावी अंतरिम आदेश व अंतिम आदेश पारित करने से रोक लगाई है और केस संख्या 17 में प्रतिनिधि वाद बनाने का आदेश एक प्रभावी आदेश की श्रेणी में आता है। जिस कारण यह विशेष अपील फाइल की गई।
अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि प्रतिनिधि वाद के सिद्धांत तभी लागू होता है जब केस एक हो और पक्षकार बहुत। लेकिन श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस में वर्तमान में कुल 18 केस विचाराधीन है और 11 जनवरी 2024 के आदेश से सभी केसों को कंसोलिडेट किया जा चुका है और 1 अगस्त 2024 के आदेश में उच्च न्यायालय ने सभी केसों को पोषणीय माना है।
अधिवक्ता ने बताया कि वह माता पक्ष से प्रभु श्रीकृष्ण के वंशज है उनकी माता जादौन वंश से है और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की रिपोर्ट्स में जादौन क्षत्रियों को प्रभु श्रीकृष्ण का वंशज माना गया है। उन्होंने एएसआई रिपोर्ट में उल्लिखित जादौनों की वंशावली विशेष अपील व अपने केस संख्या-7 में लिखी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे