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कोलकाता, 30 जुलाई (हि.स.)। फर्जी दस्तावेजों के सहारे पहचान बदलकर रह रही एक महिला को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। शांता पॉल (28) को पार्क स्ट्रीट थाने में दर्ज मामले के सिलसिले में पकड़ा गया है। उस पर भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 336(3), 338, 341 और 61(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस को मिली सूचना के आधार पर उसे गोल्फ ग्रीन थाना क्षेत्र के बिक्रमगढ़ में स्थित एक मकान के दूसरे माले पर बने किराये के फ्लैट से गिरफ्तार किया गया। तलाशी के दौरान फ्लैट से कई अहम दस्तावेज बरामद हुए, जिनमें बांग्लादेश द्वारा जारी कई पासपोर्ट (एक ही नाम से), रीजेंट एयरवेज (बांग्लादेश) का स्टाफ आईडी कार्ड, ढाका शिक्षा बोर्ड का एडमिट कार्ड और भारत में जारी विभिन्न पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड शामिल हैं। गौर करने वाली बात यह है कि सभी भारतीय दस्तावेजों में पते अलग-अलग ठिकानों के दर्ज हैं।
पुलिस को शक है कि यह महिला एक संगठित अंतरराष्ट्रीय फर्जीवाड़े और अवैध अप्रवासन रैकेट का हिस्सा है, जिसके जरिए बांग्लादेशी नागरिकों की भारतीय पहचान बनाई जा रही है। प्रारंभिक जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं और अधिकारियों ने इस मामले को गंभीर मानते हुए विस्तृत जांच शुरू कर दी है।
पूछताछ के आधार पर अब पुलिस अन्य सहयोगियों और नेटवर्क की तलाश में जुटी है। यह गिरफ्तारी न केवल दस्तावेजों की सुरक्षा प्रणाली पर सवाल उठाती है, बल्कि सीमा-पार अपराध को लेकर भी चिंता का विषय बन गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय