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कोलकाता, 30 जुलाई (हि.स.)। पश्चिम बंगाल सरकार के मत्स्य विभाग ने गहरे समुद्र में मछली पकड़ने जाने वाले सभी मरीन मछुआरों के लिए वैध फोटो पहचान पत्र रखना अनिवार्य कर दिया है। यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा के निकट संवेदनशील क्षेत्रों में पहचान पत्र के अभाव में मछुआरों के पकड़े जाने और उससे जुड़ी सुरक्षा चिंताओं को मुख्य रूप से ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
मत्स्य विभाग के अनुसार, इस संबंध में पहले भी दिशा-निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन अभी भी कई ट्रॉलर में चार से पांच मछुआरे बिना किसी वैध पहचान पत्र के पाए जा रहे हैं, जिससे न केवल संचालन में परेशानी हो रही है, बल्कि समुद्री सुरक्षा एजेंसियों, विशेषकर भारतीय तटरक्षक बल, को अतिरिक्त जोखिम का सामना करना पड़ रहा है।
इस स्थिति को सुधारने के लिए मत्स्य विभाग ने हाल ही में मछुआरा यूनियनों और भारतीय तटरक्षक बल के प्रतिनिधियों के साथ एक संयुक्त बैठक की। बैठक में निम्नलिखित निर्णय लिए गए जो इस प्रकार है, गहरे समुद्र में जाने वाले प्रत्येक मछुआरे के पास वैध फोटो पहचान पत्र होना अब अनिवार्य होगा, सभी मत्स्य बंदरगाहों और घाटों पर माइकिंग और जन-जागरूकता अभियान चलाकर मछुआरों को इस नियम की जानकारी दी जाएगी, मछुआरा संगठनों को औपचारिक रूप से सूचित कर दिया गया है और उन्हें निर्देश का सख्ती से पालन करने को कहा गया है। इस आदेश का उल्लंघन करने पर संबंधित ट्रॉलर को रोका जा सकता है या कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
मत्स्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर (मरीन), श्री सुरजीत बाग ने कहा है कि सभी मछुआरों की पहचान सुनिश्चित करना केवल उनकी सुरक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा के लिए भी अत्यंत आवश्यक है।
विभाग ने सभी संबंधित पक्षों से पूर्ण सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि इस निर्देश को अत्यंत गंभीरता से लिया जाए।
हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय