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नैनीताल, 30 जुलाई (हि.स.)। कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर में बुधवार को पुरातन छात्र सम्मेलन का तीसरा आयोजन ऑनलाइन माध्यम से किया गया। सम्मेलन में देश-विदेश में कार्यरत कुमाऊं विश्वविद्यालय के पूर्व विद्यार्थियों ने भाग लिया तथा बहु विषयक अनुसंधान के लिए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. दीवान सिंह रावत ने अपने दो वर्षीय कार्यकाल की उपलब्धियां साझा करते हुए बताया कि कुमाऊं विश्वविद्यालय का चयन ‘मेरु’, ‘पेयर’ और ‘प्रधान मंत्री छात्रवृत्ति’ योजना के लिए हुआ है। उन्होंने विश्वविद्यालय के रचनात्मक विकास के लिए पुरातन छात्रों से सहयोग मांगा। सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया कि एक टेबल बुक प्रकाशित की जाएगी तथा गूगल फॉर्म के माध्यम से सभी पुरातन विद्यार्थियों को एलुमनी सेल से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही प्रत्येक वर्ष ब्याज से एलुमनी सेल के लिए धनराशि सुनिश्चित की जाएगी।
महासचिव प्रो. ललित तिवारी ने एलुमनी सेल की गतिविधियां और बजट प्रस्तुत करते हुए कार्यक्रम का संचालन किया। अध्यक्ष डॉ. बीएस कालाकोटी ने विद्यार्थियों को उपकरणों के प्रयोग का प्रशिक्षण दिलाने की आवश्यकता पर बल दिया। बैठक में यह प्रस्ताव भी पारित किया गया कि भविष्य में भौतिक रूप में एलुमनी सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। साथ ही एलुमनी से इंटर्नशिप कार्यक्रम में सहयोग देने और 5000 रुपये का वार्षिक सहयोग शुल्क देने का अनुरोध किया गया।
शोधार्थियों को ‘डॉड’ और ‘हमबोल्ट’ फेलोशिप हेतु आवेदन करने के लिए भी प्रेरित किया गया। सम्मेलन को आईएफएस अधिकारी मोहन, फेलो ऑफ नेशनल अकादमी डॉ. एसएस सामंत, डॉ. श्याम आस फर्त्याल, डॉ. एसडी तिवारी, विदेश मंत्रालय में निदेशक सौरभ जोशी, वन्य जीव संस्थान के डॉ. भूपेंद्र सिंह अधिकारी, डॉ. किरण तिवारी, प्रो. नीता बोरा, प्रो. हृदयेश कुमार, प्रो. हृदयेश मिश्रा (बीएचयू), प्रो. एसपीएस मेहता, डॉ. संजय सिंह (इलाहाबाद), डॉ. एलएस चम्याल (गुजरात), पर्यावरण संस्थान से डॉ. केएस कनवाल, प्रो. नीलू लोदियाल, डॉ. जीकेएस नेगी, प्रो. डीएस बिष्ट, प्रो. कुमुद उपाध्याय, प्रो. अनिल जोशी, अनुहरिका, प्रो. भावना पांडे (गुजरात) आदि ने संबोधित किया। इस अवसर पर डॉ. विजय कुमार सहित लता, दिशा, वसुंधरा, विशाल आदि की भी उपस्थिति रही।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी