मध्य प्रदेश में भारी बारिश से कई जिलों में बाढ़ के हालात, मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्रालय से मांगी मदद
मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री


- अब तक जलमग्न क्षेत्रों से 2,900 लोगों का रेस्क्यू, केंद्र सरकार से की गई सेना के हेलीकॉप्टरों की मांग

भोपाल, 30 जुलाई (हि.स.)। मध्य प्रदेश में भारी बारिश के चलते कई जिलों में बाढ़ के हालात हैं। गुना और शिवपुरी में समेत कुछ जिलों में रेस्क्यू के लिए सेना बुलानी पड़ी। बुधवार को शिवपुरी के कोलारस में पचावली गांव में बाढ़ में फंसे 27 स्कूली बच्चों को सेना ने बोट से 30 घंटे बाद सुरक्षित निकाला। इधर, भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में बाढ़ और बारिश से बिगड़े हालातों का जायजा लिया और कलेक्टरों को राहत-बचाव के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये कलेक्टरों की जिम्मेदारी है। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बाढ़ में फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए रक्षा मंत्रालय से हेलीकॉप्टर सेवा की मदद भी मांगी है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर बुधवार को जारी एक वीडियो संदेश में कहा कि आज पुलिस मुख्यालय के स्टेट कमांड सेंटर से प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में अतिवर्षा से उत्पन्न बाढ़ एवं जन सुरक्षा प्रबंधन की समीक्षा की। प्रदेश में अब तक जलमग्न क्षेत्रों से 2,900 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। सभी को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। दो जिलों के लिए केंद्र सरकार से सहायता मांगी है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में जारी भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार पूरी गंभीरता और तत्परता से कार्य कर रही है। संकट की इस घड़ी में सरकार पूरी तरह से प्रदेशवासियों के साथ खड़ी है। बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और बचाव के कार्य युद्ध स्तर पर चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि राहत कार्यों को गति देने के लिए राज्य सरकार ने रक्षा मंत्रालय से सेना के हेलीकॉप्टरों की मांग की है। अशोकनगर जिले में लखनऊ से भेजा गया एक हेलीकॉप्टर राहत एवं बचाव कार्य में सक्रिय रूप से लगा हुआ है।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने भोपाल स्थित राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष (स्टेट कमांड सेंटर) से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का लाइव निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अब तक मुरैना, गुना, शिवपुरी, रीवा, रायसेन, दमोह और अशोकनगर जैसे जिलों से करीब 2,900 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर राहत शिविरों तक पहुंचाया गया है। इन शिविरों में पीड़ितों को भोजन, कपड़े, दवाएं और अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रेस्क्यू टीमों को पूरी क्षमता और संसाधनों के साथ मैदान में लगाया गया है। उन्होंने बताया कि अगले दो से तीन दिनों तक प्रदेश में बारिश की स्थिति बनी रहने की संभावना है, जिसे देखते हुए सभी जिलों में प्रशासन को हाई अलर्ट पर मुस्तैद और आल टाईम रेडी रहने के निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने प्रदेशवासियों से आग्रह किया है कि घबराएं नहीं, अपनी जानकारी प्रशासन को उपलब्ध कराएं, सरकार आपकी हर सम्भव मदद करेगी। उन्होंने अपील की है कि प्रदेशवासी सतर्कता बरतें, नालों और जलभराव वाले क्षेत्रों से दूरी बनाए रखें, करंट और जर्जर मकानों से सावधानी बरतें, और किसी भी आपदा की स्थिति में अपनी तहसील या जिले के बाढ़ नियंत्रण कक्ष (कंट्रोल रूम) को तुरंत सूचना दें। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार हर नागरिक की सुरक्षा और सहायता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

सिंधिया ने भी रक्षा मंत्री से की बात

केन्द्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बात की है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि मेरे गुना संसदीय क्षेत्र के बदरवास, कोलारस व अन्य बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में फंसे नागरिकों को भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर के माध्यम से एयरलिफ्ट किया जा रहा है। मैंने इस संबंध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एयर वाइस मार्शल विक्रम गौड़ और एओसी मनीष शर्मा से चर्चा कर आवश्यक समन्वय किया गया है। मैं निरंतर ज़िला प्रशासन, एनडीआरएफ, भारतीय वायुसेना और राज्य सरकार के संपर्क में हूँ। हर नागरिक की सुरक्षा ही हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है और हमारा सतत प्रयास उसी दिशा में समर्पित है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर