घाटाल मास्टर प्लान को मिला नया खाका, तीन साल में पूरी होगी बाढ़ से राहत की योजना
घाटाल मास्टर प्लान में आया नया बदलाव


घाटाल, 30 जुलाई (हि. स.)। पश्चिम मेदिनीपुर ज़िले के घाटाल मास्टर प्लान को लेकर एक अहम अपडेट सामने आया है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद और लोकप्रिय अभिनेता देव (दीपक अधिकारी) ने बुधवार को बताया कि परियोजना की भूमि आवश्यकता को 40 प्रतिशत तक घटाने के लिए एक संशोधित ब्लूप्रिंट तैयार किया जा रहा है।

अपने लोकसभा क्षेत्र घाटाल में समीक्षा बैठक की अध्यक्षता के बाद मीडिया से बात करते हुए सांसद देव ने कहा है कि यह एक जटिल परियोजना है जिसमें बाढ़ के पानी की निकासी को सुगम बनाने के लिए नदियों को आपस में जोड़ा जाएगा। योजना के तहत कार्य संतोषजनक रूप से प्रगति कर रहा है। नई रूपरेखा के अनुसार अब कम भूमि की जरूरत होगी।

उन्होंने आगे बताया है कि परियोजना की शुरुआत की तारीख से तीन वर्षो के भीतर इसे पूरा कर लिया जाएगा। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी और संबंधित विभागों को तेजी से काम करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

परियोजना में देरी को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर प्रतिक्रिया देते हुए देव ने कहा है कि मैं इन आरोपों को ज्यादा महत्व नहीं देना चाहता। जनता जानती है कि उनके लिए कौन काम कर रहा है। सांसद ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस परियोजना के लिए बजट में पहले ही 500 करोड़ आवंटित किए हैं। कुल अनुमानित लागत 1200 से 1500 करोड़ के बीच हो सकती है।

घाटाल मास्टर प्लान एक दशकों की पुरानी महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य पश्चिम मेदिनीपुर जिले के घाटाल उपसंभाग को बाढ़ से स्थायी राहत प्रदान करना है। यह इलाका हर वर्ष शिलाबती, झूमी और रूपनारायण नदियों के उफान से बुरी तरह प्रभावित होता है।

सांसद ने बताया कि परियोजना के अंतर्गत निम्नलिखित कार्य किए जाएंगे जैसे बांध का निर्माण, स्लूइस गेट्स की स्थापना, ड्रेनेज चैनलों का विकास और जल प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए बैराज का निर्माण।

घाटाल मास्टर प्लान को सफलतापूर्वक लागू करने से इस क्षेत्र के लाखों निवासियों को हर वर्ष आने वाली बाढ़ से राहत मिलने की उम्मीद है।

हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय