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पश्चिम सिंहभूम, 30 जुलाई (हि.स.)। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने रंगदारी मांगने के एक गंभीर मामले में चार आरोपियों को दोषी करार देते हुए कठोर सजा सुनाई है। यह मामला वर्ष 2020 का है, जब पीड़िता पुष्पा सेकुन्दा केरकेट्टा से 15 लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई थी और रकम नहीं देने पर पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई थी।
प्रकरण की शुरुआत आठ अक्टूबर 2020 को हुई, जब वादी पुष्पा केरकेट्टा, निवासी प्रगति कॉलोनी, महुलसाई, मटकमहातु ने चाईबासा मुफ्फसिल थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उनके अनुसार, एक अक्टूबर की शाम 7.10 बजे के आसपास उनके मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से बार-बार कॉल आया। कॉल करने वालों ने दो दिनों के भीतर 15 लाख रुपये देने को कहा और इनकार करने पर पूरे परिवार को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्परता से जांच शुरू की। वैज्ञानिक तकनीकों और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की मदद से जांच को अंजाम देते हुए चार आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। बाद में न्यायिक हिरासत में भेजे गए इन अभियुक्तों के खिलाफ पर्याप्त सबूत पाए जाने के बाद पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया।
इस मामले में अदालत ने 30 जुलाई ने चारों अभियुक्तों अजय कुमार सिंह (निवासी बटौलिया, थाना माली, औरंगाबाद), लोकेश कुमार, पंकज कुमार (दोनों निवासी बड़ा नीमडीह, थाना सदर, चाईबासा) और मो दिलनवाज (निवासी बड़ी बाजार, थाना सदर, चाईबासा) को दोषी करार दिया।
सजा के तहत अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 387 (रंगदारी) के अंतर्गत प्रत्येक को पाचं साल के सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया।
फैसले के बाद पीड़िता पुष्पा केरकेट्टा ने अदालत के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि न्याय व्यवस्था पर उनका भरोसा मजबूत हुआ है और ऐसे फैसले समाज में अपराधियों के विरुद्ध सख्त संदेश देते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक