मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण के जरिए बालेश्वर, भद्रक और जाजपुर में बाढ़ की स्थिति का लिया जायजा
मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण के जरिए बालेश्वर, भद्रक और जाजपुर में बाढ़ की स्थिति का लिया जायजा


भुवनेश्वर, 30 जुलाई (हि.स.)। आज मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने हवाई सर्वेक्षण के माध्यम से बालेश्वर, भद्रक और जाजपुर जिलों में बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान उनके साथ राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी, उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज, तथा विशेष राहत आयुक्त देव रंजन कुमार सिंह भी उपस्थित थे।

बाढ़ की स्थिति का अवलोकन करने के बाद मुख्यमंत्री ने लोक सेवा भवन में मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि इन तीनों जिलों के आठ ब्लॉकों के कुल 81 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बालेश्वर जिले के बस्ता, बालियापाल, भोगराई और जलेश्वर, भद्रक जिले के धामनगर और भंडारीपोखरी, तथा जाजपुर जिले के जाजपुर और दशरथपुर ब्लॉक बाढ़ से प्रभावित हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस आपदा से लगभग 30,000 लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 5,869 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में विभिन्न नदियों में जलस्तर घट रहा है। बालेश्वर जिले की सुबर्णरेखा और जलका नदियों में पानी की मात्रा में कमी आ रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि बाढ़ की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि केन्दुझर और कुछ अन्य जिलों में भी बाढ़ आई थी, लेकिन उसका कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ा है।

राज्य सरकार के निर्देश पर बाढ़ प्रभावित इलाकों में सूखा खाद्य सामग्री और आवश्यकता पड़ने पर गर्म पका हुआ भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके तहत बालेश्वर में 16, भद्रक में 10 और जाजपुर में 3 फ्री किचन (नि:शुल्क रसोई) की व्यवस्था की गई है। इन केंद्रों के माध्यम से लगभग 10,000 प्रभावित लोगों को पका हुआ भोजन वितरित किया जा रहा है और आगामी 7 दिनों तक यह व्यवस्था जारी रहेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ के बाद की स्थिति में कई तरह की समस्याएं सामने आती हैं। विशेषकर डायरिया और अन्य जलजनित बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए पेयजल स्रोतों की शुद्धिकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्थानीय अधिकारियों को यह प्रक्रिया लगातार जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। यदि किसी भी स्थिति में डायरिया के मामलों में वृद्धि देखी जाती है, तो सावधानी बरतने और त्वरित कार्रवाई करने की सलाह दी गई है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कई स्थानों पर सांप के काटने की घटनाएं भी सामने आई हैं। इसके मद्देनज़र स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को पर्याप्त मात्रा में एंटीवेनम और अन्य आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त लोगों को सहायता प्रदान करने को लेकर कहा कि जिलाधिकारियों को नुकसान का तुरंत आकलन कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट मिलने के बाद प्रभावित लोगों को उपयुक्त सहायता प्रदान की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि टूटे हुए घरों और मवेशियों के नुकसान की रिपोर्ट तैयार की जाएगी। साथ ही जिन गांवों की सड़कों को बाढ़ से नुकसान पहुंचा है, उनकी तत्काल मरम्मत कर संपर्क व्यवस्था को बहाल करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रभावित इलाकों में पर्याप्त मात्रा में पशु आहार उपलब्ध कराने की सलाह भी दी गई है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 'शून्य हताहत' (जिरो कैजुएलिटी) के लक्ष्य को प्राथमिकता देते हुए, राज्य सरकार की ओर से बालेश्वर जिले में 17 ओड्राफ और 13 अग्निशमन सेवा टीमों, भद्रक जिले में एक एनडीआरएफ, एक ओड्राफ और 13 अग्निशमन सेवा टीमों, तथा जाजपुर जिले में एक ओड्राफ और 14 अग्निशमन सेवा टीमों को तैनात किया गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता महंतो