गर्ल जूनियर फुटबॉल टीम के ट्रायल में 165 लड़कियों ने दिखाई प्रतिभा
चंडीगढ़, 3 जुलाई (हि.स.)। हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन के निर्देशन में गर्ल जूनियर फुटबॉल टीम हरियाणा के चयन हेतु ट्रायल का आयोजन किया गया। ट्रायल का संचालन तदर्थ समिति द्वारा गठित दस सदस्यीय चयन समिति की देख-रेख में हुआ। जिसमें हरियाणा के 18 जिलों से कुल
फुटबाल टीम के ट्रायल में भाग लेती छात्राएं


चंडीगढ़, 3 जुलाई (हि.स.)। हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन के निर्देशन में गर्ल जूनियर फुटबॉल टीम हरियाणा के चयन हेतु ट्रायल का आयोजन किया गया। ट्रायल का संचालन तदर्थ समिति द्वारा गठित दस सदस्यीय चयन समिति की देख-रेख में हुआ। जिसमें हरियाणा के 18 जिलों से कुल 165 बालिका खिलाड़ियों ने भाग लिया।

एसोसिएशन की तरफ से गुरुवार को जारी बयान के अनुसार चयन समिति के सदस्यों में डॉ. राकेश मलिक (निदेशक खेल, पंजाब विश्वविद्यालय), अश्वनी (पूर्व अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी एवं वरिष्ठ प्रशिक्षक), प्रोफेसर (डॉ.) आई.पी. नागी (पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी एवं पूर्व निदेशक, भारतीय खेल प्राधिकरण, एनएस एनआईएस पटियाला), संजय (अर्जुन पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ी), पंकज गर्ग (आयोजन सचिव), भूपेन्द्र सिंह (वरिष्ठ फुटबॉल प्रशिक्षक), सुनील कुमार (पूर्व राष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी), सुमन पुनिया (फुटबॉल प्रशिक्षिका), सुदर्शन सिंह (वरिष्ठ प्रशिक्षक), सुरेखा शामिल हैं।

ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष जसविंद्र सिंह मीनू बेनीवाल के अनुसार ट्रायल में भाग लेने वाली खिलाड़ियों में सर्वाधिक 26 खिलाड़ी जींद जिले से पहुंची। इसके बाद भिवानी से 20, हिसार से 19, कुरुक्षेत्र से 13, झज्जर से 12, कैथल और रोहतक से 11-11, यमुनानगर से 9, अंबाला से 7, पंचकूला और चरखी दादरी से 6-6, गुरुग्राम व पानीपत से 5-5, रेवाड़ी, फतेहाबाद और करनाल से 4-4, फरीदाबाद से 2 तथा सोनीपत से 1 खिलाड़ी ने भाग लिया।

प्रारम्भिक चरण के बाद कुछ खिलाड़ियों को अंतिम टीम चयन के लिए दूसरे राउंड के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है। अंतिम चरण के आयोजन का कार्यक्रम जल्द घोषित किया जाएगा।

मुख्य चयनकर्ता पंजाब विश्वविद्यालय के खेल निदेशक डॉ. राकेश मलिक ने कहा कि हरियाणा की बालिकाओं में खेल के प्रति समर्पण से भविष्य में प्रदेश और देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरव मिल सकता है। यह आयोजन राज्य में महिला फुटबॉल के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है और इससे ग्रामीण क्षेत्रों में छिपी हुई प्रतिभाओं को सामने लाने का अवसर मिला है।

हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा