सुकांत मजूमदार ने कार्यकर्ताओं को लिखा भावुक पत्र, आखरी अध्यक्षीय खत में कहा -कदम मिलाकर चलना होगा
कोलकाता, 03 जुलाई (हि.स.)। पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और बालुरघाट से सांसद डॉ. सुकांत मजूमदार ने पार्टी की राज्य इकाई की कमान अपने उत्तराधिकारी को सौंपने के बाद एक भावनात्मक पत्र लिखा है। उन्होंने यह पत्र भाज
केंद्रीय मंत्री व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार


कोलकाता, 03 जुलाई (हि.स.)। पश्चिम बंगाल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष और बालुरघाट से सांसद डॉ. सुकांत मजूमदार ने पार्टी की राज्य इकाई की कमान अपने उत्तराधिकारी को सौंपने के बाद एक भावनात्मक पत्र लिखा है। उन्होंने यह पत्र भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए साझा किया है, जिसमें उन्होंने अपने अध्यक्ष के तौर पर राजनीतिक सफर, पार्टी के प्रति समर्पण और कार्यकाल की उपलब्धियों को याद किया है।

सुकांत मजूमदार ने अपने पत्र की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रसिद्ध कविता की पंक्तियों से की—क़दम मिलाकर चलना होगा—और लिखा कि यह पंक्तियां युवावस्था से ही उन्हें प्रेरणा देती रही हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति में उनका सफर हमेशा साथ चलने के संकल्प से जुड़ा रहा है, और बंगाल की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों में यह यात्रा और अधिक एकजुटता और दृढ़ निश्चय के साथ जारी रहनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि किस तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और फिर भाजपा के राष्ट्रवादी विचारों ने उन्हें राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया। एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में शुरुआत कर वे बालुरघाट से सांसद बने और फिर राज्य अध्यक्ष का जिम्मा संभाला।

सुकांत ने लिखा, मैं हमेशा एक विद्यार्थी की तरह सीखता रहा—अकादमिक जीवन को पीछे छोड़कर एक बड़ी कक्षा में आ गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन से बहुत कुछ सीखा, लेकिन सबसे अधिक सीख पार्टी के ज़मीनी कार्यकर्ताओं के संघर्षों से मिली।

उन्होंने अपने पत्र में यह भी स्वीकार किया कि एक मध्यमवर्गीय, गैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि से आने के कारण उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें पश्चिम बंगाल भाजपा की कमान संभालने का अवसर मिलेगा। उन्होंने 20 सितंबर 2021 को यह जिम्मेदारी संभाली और कार्यकर्ताओं के अपार समर्थन ने उनके मन में उठे संदेहों को दूर कर दिया।

मजूमदार ने कहा है कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने प्रदेशभर का दौरा किया—पहाड़ों से समुद्र तक, गांवों से कस्बों तक—और बंगाल की विविधता और जनजीवन की जीवंतता को करीब से महसूस किया। उन्होंने पार्टी के ज़मीनी कार्यकर्ताओं और राज्य नेतृत्व के बीच बेहतर समन्वय की दिशा में काम किया, जिससे संगठन को मजबूती मिली।

उन्होंने बताया कि उनके नेतृत्व में पार्टी ने सदस्यता अभियान को उत्सव का रूप दिया और आंतरिक चुनाव प्रक्रिया को भी सफलतापूर्वक संपन्न किया गया, जिसके माध्यम से शमिक भट्टाचार्य को नया प्रदेश अध्यक्ष चुना गया। सुकांत ने उन्हें नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दीं और भरोसा जताया कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा पूरी ताकत से लड़ेगी।

उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 और पंचायत चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि पंचायत स्तर पर पार्टी ने सभी तीन स्तरों पर अपनी सीटें दोगुनी कीं, जबकि लोकसभा में सीटें भले कम हुई हों, पर शहरी बंगाल में भाजपा की पकड़ अब ग्रामीण क्षेत्रों के बराबर मजबूत हो गई है।

सुकांत मजूमदार ने यह भी उल्लेख किया कि अपने अध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान उन्हें दो केंद्रीय मंत्रालयों में राज्य मंत्री बनने का सौभाग्य भी मिला। उन्होंने यह चुनौती बड़ी प्रसन्नता और ऊर्जा के साथ निभाई।

अपने पत्र के अंत में उन्होंने प्रधानमंत्री, केंद्रीय नेतृत्व और बंगाल की जनता का आभार जताते हुए लिखा, अगर मेरे कार्यकाल में मुझसे कोई गलती हुई हो या कोई निर्णय किसी को कष्ट पहुंचा गया हो, तो मैं क्षमा चाहता हूं।

उन्होंने मां जगदंबा का आशीर्वाद लेकर यह संकल्प दोहराया कि—राष्ट्र पहले, पार्टी उसके बाद, और स्वयं सबसे अंत में। मजूमदार ने अपने पत्र के अंत में कहा है कि वे जीवनभर भाजपा के मूल्यों के प्रति निष्ठावान बने रहेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर