दक्षिण भारत समेत महाराष्ट्र में हिन्दी विरोध का शोर
डॉ. मयंक चतुर्वेदी
ये जिद आज भारत में उन तमाम करोड़ों लोगों की है, जोकि हिन्दी के सहारे अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं। हिन्दी उनके जीवन में परस्पर संवाद का काम करती है और उन्हें खुशहाल बनाती है। इसलिए ये साफतौर पर आज देश भर में यही कह रहे हैं, “हिन्
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