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अजमेर, 3 जुलाई(हि.स.)। स्मार्ट सिटी अजमेर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले सबसे व्यस्त स्टेशन रोड पर मार्टिण्डल ब्रिज से लेकर रोडवेज बस स्टेण्ड तक बने 250 करोड़ रुपए की लागत से राम सेतु एलिवेटेड रोड में हुए भ्रष्टाचार के घटिया निर्माण की पोल पहली ही बारिश में खुल गई। ब्रिज की एक भुजा पर सड़क धस गई। इस मसले को लेकर शहर में राजनीति शुरू हो गई।
कांग्रेस और भाजपा ने एक दूसरे के शासन को कोसना शुरू कर दिया। कांग्रेस के युवा मोर्चा ने जहां ब्रिज के घटिया निर्माण को लेकर अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया तो वहीं भाजपा के विधायक एवं विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने ब्रिज के निर्माण में घटिया सामग्री के उपयोग की जांच कराए जाने के निर्देश दे दिए। कुल मिला कर खामियाजा तो जनता को ही भुगतना पड़ रहा हैं । सूचना मिलने पर अजमेर जिला प्रशासन व नगर निगम एवं यातायात पुलिस के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर ब्रिज पर ट्रेफिक को डायवर्ट कराया और जहां सड़क धंसी थी वहां नगर निगम के अधिकारियों ने मिट्टी के कट्टे रखवाए।
इस मामले को लेकर अजमेर युवा कांग्रेस ने प्रदर्शन करते हुए भाजपा पर तंज कसा कि ब्रिज बन गया तो भाजपा को उसका नाम बदल कर रामसेतु रख वाहवाही लेने की तो लगी किन्तु वर्षों से विधानसभा में अजमेर का प्रतिनिधित्व करने के बाद भी ब्रिज के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार पर चुप्पी साधी गई। उधर, विधायक व विधानसभा अध्यक्ष देवनानी ने इस मामले में तुरंत ही गंभीरता दर्शाते हुए अधिकारियों से बात की और मामले में जांच एवं सुधार के निर्देश दिए। निर्माण में रही खामियों को लेकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई को कहा। इस ब्रिज को लेकर स्थानीय मीडिया समय समय पर सवाल खड़े करता रहा है। गुणवत्ता में खराबी को लेकर समाचार प्रकाशित हुए हैं। कभी ब्रिज पर ड्रेनेज सिस्टम नहीं बनाने तो कभी ब्रिज से पत्थर गिरने की शिकायते हुई है। जागरूक नागरिक अशोक मलिक ने तो अनेक बार इस मामले में क्वालिटी जांच को लेकर भी सवाल उठाए पर कुछ हुआ नहीं। अब आशंका व्यक्त की जा रही है कि कोई बड़ा हादसा ना हो जाए।
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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष