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औरैया, 29 जुलाई (हि. स.)। उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के दिबियापुर थाना क्षेत्र के सेहुद गांव में एक ऐसा रहस्यमयी नाग मंदिर स्थित है जिसे लेकर स्थानीय मान्यताओं और रहस्यों का सिलसिला सदियों से चला आ रहा है। यह प्राचीन मंदिर धौरा नाग मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि आज तक कोई भी इसकी छत नहीं बनवा पाया। स्थानीय लोगों का कहना है कि जो भी व्यक्ति मंदिर में छत बनवाने की कोशिश करता है, उसकी या उसके परिवार के किसी सदस्य की असमय मृत्यु हो जाती है। मंदिर पर कभी बनाई गई छतें अपने आप गिर जाती हैं।
एक किस्सा आज भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है—गांव के एक इंजीनियर ने मंदिर पर छत बनवाने की कोशिश की थी, लेकिन कुछ ही समय बाद उसके दोनों बच्चों की मौत हो गई, और अगली सुबह मंदिर की छत खुद-ब-खुद गिर गई।
मंदिर से कुछ भी ले जाना मना है
यह मंदिर हमेशा खुला रहता है और इसके भीतर सदियों पुरानी खंडित मूर्तियां मौजूद हैं। लेकिन मान्यता है कि मंदिर से कोई भी वस्तु घर ले जाना अशुभ होता है।
1957 में इटावा के तत्कालीन जिलाधिकारी ने यहां से एक मूर्ति ले ली थी, लेकिन अजीब घटनाओं के बाद उन्हें मूर्ति लौटानी पड़ी। ऐसे कई उदाहरण मौजूद हैं जब लोग मंदिर से कुछ ले जाने के बाद अजीब घटनाओं से डरकर उसे वापस करने आए।
नाग पंचमी पर लगता है मेला
हर वर्ष नाग पंचमी पर इस मंदिर में विशेष पूजा होती है। आसपास के गांवों से लोग नाग देवता की आराधना करने आते हैं। इस दिन भव्य मेला और दंगल का आयोजन भी होता है।
धरोहर या रहस्य
11वीं शताब्दी के इस मंदिर को मोहम्मद गजनवी के आक्रमणकाल से जोड़कर देखा जाता है और इसे मंदिरों के विनाश के प्रतीक के रूप में भी जाना जाता है।
हिंदुस्थान समाचार / सुनील कुमार
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील कुमार