'श्रवण कुमार' बने रामपुर के चार भाई, माता-पिता को कांवड़ में बिठा करा रहे तीर्थ यात्रा
कांवड़ रुपी तराजू में गंगाजल के साथ माता-पिता को बैठाकर ला रहे कलियुग के श्रवण कुमार


मुरादाबाद, 26 जुलाई (हि.स.)। शिव भक्ति के पवित्र सावन माह में कांवड़ यात्रा के दौरान उत्तर प्रदेश के रामपुर जनपद के चार बेटे कलियुग के श्रवण कुमार बने हुए हैं। इन बेटों का अपने माता-पिता के प्रति हरिद्वार तीर्थ यात्रा का संकल्प पूरा होता दिखाई दे रहा है। उनकी कांवड़ यात्रा हरिद्वार से वापस आकर शनिवार काे मुरादाबाद तक पहुंच गई है। दो-दो बेटे बारी बारी से कांवड़ रुपी तराजू को कंधा देते हैं जिसमें गंगाजल के साथ उनके माता-पिता बैठे हैं।

जनपद रामपुर के बिलासपुर तहसील निवासी नरेश कुमार, दिनेश कुमार, प्रेम कुमार और रमेश कुमार आपस में भाई हैं। इनके पिता नत्थूलाल और मां नत्थू देवी हैं। इन्होंने शनिवार को अपनी कांवड़ यात्रा के दौरान मुरादाबाद में बताया कि चारों भाईयों ने संकल्प लिया था कि माता-पिता को त्रेता युग के श्रवण कुमार की भांति हरिद्वार की तीर्थ यात्रा कराना है। ऐसे में हम लोगों ने कांवड़ यात्रा को बेहतर अवसर माना और अपनी कांवड़ को श्रवण कुमार की तरह बनाया और तराजू की भांति एक तरफ माता तो दूसरी तरफ पिता को बैठाया। इस कांवड़ को बारी-बारी से दो-दो भाई कंधा देते हैं। बेटों ने बताया कि हरिद्वार जाते समय कुछ अधिक समय लगा, लेकिन वहां से गंगाजल लेने के बाद स्फूर्ति में और बढ़ोत्तरी हुई और वापसी में हरिद्वार से मुरादाबाद तक सफर आठ दिन में पूरा कर लिया। उन्होंने बताया कि रविवार शाम तक वह अपने गांव पहुंच जाएंगे और श्रावण मास के तीसरे सोमवार पर माता-पिता के साथ भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जायसवाल