भारी बारिश से फसलें बर्बाद, रौद्र रूप में हैं नदियां और जल प्रपात
भारी बारिश से फसले बर्बाद, नदी और जल प्रपातं रौद्र रूप में


खूंटी, 26 जुलाई (हि.स.)। जिले में लगातार हो रही बारिश ने कृषि के साथ ही आम जन जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। मुसलाधार बारिश से नदी तालाब, कुएं और खेत खलिहान तक लबालब भर गये हैं। खूंटी के पेरवांघाघ, सप्तधारा, उलूंग, पांडूपुड़िंग, पंचघाघ सहित अन्य जल प्रपात अपने रौद्र रूप में आ गये है। प्रशासन ने जिले के सभी पर्यटन स्थलों में जाने पर रोक लगा दी है। भाारी बारिश के कारण खूंटी-सिमडेगा मुख्य मार्ग्र पर पेलौल के पास कनई नदी और डोड़मा-सिसई नोड पर छाता नदी पर बने डायवर्सन बह गया। जिले में अन्य कई पुल-पुलिया के भी क्षतिग्रस्त होने की सूचना है। जिले की कारो नदी, छाता, तजना सहित अन्य नदियां उफान पर हैं।

भारी बारिश से बह गये खेतों के बिचड़े

भारी बारिश ने खरीफ फसल को लगभग बर्बाद कर दिया है। खेतों पर लगाये गये धान के बिचड़े पानी में बह गये। इसके कारण किसानों पर भारी आफत आ गई है। तोरपा के किसान शिव शंकर साहू बताते हैैं कि शुक्रवार की रात हुई भारी बारिश में उनके खेत में लगाये गये बिचड़े पानी में बह गये। जिन खेतों में रोपनी हो चुकी है, वहां भी पानी सब कुछ बहाकर ले गया। बारिश ने सब्जी की फसलों को भी काफी नुकसान पहुंचाया है। लगातार बारीश के कारण किसान टांड की खेती भी नहीं कर पा रहे हैं। आधा सावन बीत जाने के बाद भी किसान टांड़ में न गोड़ा धान लगा पा रहे हैं और न ही मड़ुवा या मकई की खेती कर पा रहे हैं। सेेेवानिवृत शिक्षक और पंचम साहू कहते हैं कि हम लोगों ने बचपन में पढ़ा था कि भारत का किसान मॉनसून के साथ जुआ खेलता है, यह मौजूदा स्थिति में अक्षरशः लागू हो रहा है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / अनिल मिश्रा