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बीजापुर, 26 जुलाई (हि.स.)। जिले में नई शिक्षा नीति के बहुभाषिक शिक्षा प्रावधान को धरातल पर उतारते हुए एक अभिनव प्रयास “पोड़ेम आयाम नट्टा” के रूप में सामने आया है। इस पहल के अंतर्गत स्कूली शिक्षा को स्थानीय भाषा गोंडी बोली के माध्यम से अधिक प्रभावी और बच्चों के अनुकूल बनाया गया है। इस कक्ष का शुभारंभ आज शनिवार काे कलेक्टर संबित मिश्रा ने जांगला स्थित पोटा केबिन स्कूल में किया। उन्होंने विशेष रूप से गोंडी भाषा में चित्रों और दीवार लेखन के माध्यम से विकसित बाला कक्षा का अवलोकन किया और स्थानीय सांस्कृतिक जुड़ाव को शिक्षण में शामिल करने के इस प्रयास की सराहना की। “पोड़ेम आयाम नट्टा” के अंतर्गत कक्षा की चारों दीवारों को विशिष्ट उद्देश्यों के साथ डिज़ाइन किया गया है :जिनमे पहली दीवार गणितीय अवधारणाएं सिखाने वाली, दूसरी और तीसरी दीवार भाषा शिक्षण को सरल बनाने वाली, और चौथी दीवार में बाल केंद्रित प्रयोगात्मक शिक्षण के रूप में है।
इन दीवारों पर गोंडी भाषा में चित्र, शब्द, संख्याएं और स्थानीय सन्दर्भों को आधार बनाकर बच्चों के लिए सहज शिक्षण वातावरण तैयार किया गया है। इस पहल में शिक्षार्थ ट्रस्ट के तकनीकी सहयोगी मोहित देव और सुमन जैन की प्रमुख भूमिका रही, जिन्होंने कलेक्टर को हर गतिविधि का विस्तृत विवरण दिया। कलेक्टर ने इसे जिले के अन्य स्कूलों में भी लागू करने के निर्देश दिए, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां गोंडी भाषा प्रचलित है। इस अवसर पर एपीसी जाकिर खान ने बताया कि नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत बहुभाषा शिक्षण पर विशेष बल दिया गया है। स्थानीय भाषा में प्रारंभिक शिक्षा बच्चों को घर जैसा माहौल प्रदान करती है, और यह नवाचार स्कूल, समुदाय और संस्कृति को जोड़ने का सशक्त माध्यम बन रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे