Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
पश्चिम सिंहभूम, 26 जुलाई (हि.स.)। पश्चिम सिंहभूम जिला में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर शनिवार को आदिवासी उरांव समाज संघ, चाईबासा की ओर शनिवार को से वीर बलिदान राम भगवान केरकेट्टा को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। चाईबासा पोस्ट ऑफिस चौक स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया गया।
इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष संचू तिर्की ने कहा कि राम भगवान केरकेट्टा की शहादत को देश कभी नहीं भुला सकता। कारगिल युद्ध के दौरान उन्होंने अपना सबकुछ देश के लिए न्योछावर कर दिया। उन्होंने देश को प्राथमिकता दी और अपनी पारिवारिक पीड़ा को भी पीछे छोड़ दिया।
राम भगवान केरकेट्टा बीएसएफ की 102वीं बटालियन में तैनात थे और 13 सितंबर 1999 को कारगिल में दुश्मनों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे। युद्ध से कुछ ही समय पहले उन्हें सूचना मिली थी कि उनकी पत्नी का निधन हो गया है। वे छुट्टी लेकर घर आए, जहां चार छोटे बच्चों की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई।
संघ के मुख्य सलाहकार सहदेव किस्पोट्टा ने बताया कि पत्नी के निधन और बच्चों की जिम्मेदारी के बावजूद, जब उन्हें सीमा पर लौटने का आदेश मिला तो वे बिना किसी हिचक के देश की सेवा में वापस लौट गए। उनका मानना था कि देश पहले है, परिवार बाद में।
सीमा पर डटे रहते हुए उन्होंने दुश्मनों से लोहा लिया और एक गोली सिर में लगने के कारण उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां 13 दिसंबर 1999 को उन्होंने अंतिम सांस ली।
उनकी शहादत की विरासत को उनका छोटा बेटा प्रकाश केरकेट्टा आगे बढ़ा रहा है, जो आज सीमा पर तैनात होकर देश की सेवा कर रहा है।
इस श्रद्धांजलि सभा में बाबूलाल बरहा, लालू कुजूर, नवल कच्छप, राजकमल लकड़ा, विष्णु मिंज, सौरव मिंज, रोहित लकड़ा, विजय बाड़ा, सुभाष कच्छप सहित अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक