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गुवाहाटी, 26 जुलाई (हि.स.)। कारगिल युद्ध के शहीदों की अमर शहादत को नमन करते हुए असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने शनिवार को दिघलीपुखुरी स्थित राज्य युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। यह श्रद्धांजलि भारत की ऐतिहासिक विजय की 26वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित कारगिल विजय दिवस समारोह का हिस्सा थी।
इस अवसर पर राज्यपाल ने वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि राष्ट्र सदैव अपने सैनिकों के बलिदान का ऋणी रहेगा। उन्होंने कहा, “कारगिल के रणबांकुरों ने माइनस तापमान, दुर्गम पहाड़ और दुश्मन की गोलियों के बीच जिस वीरता से विजय हासिल की, वह ऑपरेशन विजय की अविस्मरणीय गाथा है।”
राज्यपाल आचार्य ने कैप्टन विक्रम बत्रा, कैप्टन जींटू गोगोई समेत अन्य वीर शहीदों के अदम्य साहस को याद करते हुए कहा कि इन वीरों की गाथाएं केवल युद्ध की नहीं, बल्कि देशभक्ति, समर्पण और सेवा की अमर प्रेरणा हैं।
उन्होंने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुए ऑपरेशन सिंदूर का भी उल्लेख किया और कहा कि यह हमारी सेना की तैयारियों और जुझारूपन का प्रमाण है। “हमारे सैनिकों की वीरता केवल इतिहास नहीं है, वह आज भी हमारे लिए प्रेरणा है।”
कारगिल विजय दिवस की भावना को आगे बढ़ाते हुए राज्यपाल ने नागरिकों, विशेषकर युवाओं से आग्रह किया कि वे सेना से प्रेरणा लेकर साहस, एकता और राष्ट्रसेवा के मूल्यों को अपनाएं। उन्होंने कहा, “यह दिवस केवल स्मरण का नहीं, बल्कि कर्तव्यपथ पर चलने की प्रेरणा का अवसर है।”
राज्यपाल ने वीर शहीदों के परिवारों को भी नमन करते हुए कहा कि वे देश के उन मौन स्तंभों में हैं जिनके कारण हमारे सैनिक विश्व मंच पर देश का गौरव बढ़ा सके।
समारोह में लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कालिता, लेफ्टिनेंट जनरल पीके भराली, कमोडोर केसी चौधुरी, ग्रुप कैप्टन देबानंद गोहाईं, सैनिक कल्याण निदेशक ब्रिगेडियर पलाश चौधरी, सेवारत एवं सेवानिवृत्त सैनिक, वीर माताएं, वीर नारियां एवं उनके परिजन उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश