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कोलकाता, 25 जुलाई (हि. स.)। पश्चिम बंगाल सरकार, यूनिसेफ और कई कॉर्पोरेट संगठनों ने राज्य के बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए साझेदारी करने का फैसला किया है। यह जानकारी राज्य सचिवालय की एक अधिकारी ने शुक्रवार सुबह दी है। उन्होंने बताया है कि सरकार, यूनिसेफ और असोचैम, बीसीसीआई, भारत चैंबर्स, फिक्की, एमसीसीआई और सीआईआई पूर्वी क्षेत्र जैसे उद्योग मंडलों के प्रतिनिधियों की कई दौर की बैठकों के बाद यह निर्णय लिया गया है। इसके अलावा इसी हफ्ते यूनिसेफ के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात भी की थी।।
राज्य सरकार ने इस अवसर पर एक विशेष सीएसआर पोर्टल लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य कॉर्पोरेट घरानों को उनके कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) फंड को राज्य सरकार द्वारा पहचाने गए विकासात्मक परियोजनाओं में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
राज्य की महिला और बाल विकास, सामाजिक कल्याण, उद्योग, वाणिज्य और उद्यम मंत्री शशि पांजा ने बताया कि बच्चों की आवश्यकताओं के आधार पर तैयार की गई परियोजनाओं का एक पोर्टफोलियो इस पोर्टल पर उपलब्ध है, जिससे कॉर्पोरेट्स अपनी रुचि के अनुसार परियोजना का चयन कर सकते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि कॉर्पोरेट क्षेत्र हमेशा नवीन समाधानों की तलाश करता है और यूनिसेफ वैश्विक स्तर पर बच्चों से जुड़े मुद्दों पर कार्य करता है, इसलिए यह त्रिपक्षीय साझेदारी बच्चों के हितों की दिशा में ठोस परिणाम दे सकती है।
यूनिसेफ की भारत में प्रतिनिधि सिंथिया मैककैफ्री ने कहा कि यूनिसेफ पिछले 75 वर्षों से भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह संवाद बच्चों और परिवारों की भलाई के लिए नई संभावनाएं और उम्मीदें जगाएगा। उन्होंने कॉर्पोरेट प्रतिनिधियों के साथ यूनिसेफ की गतिविधियों की प्रस्तुति भी साझा की और राज्य में अपने दौरे के अनुभव बताए, जिनमें आंगनवाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य व कल्याण केंद्र, सरकारी अस्पताल, कन्याश्री क्लब और दिव्यांग बच्चों के केंद्र शामिल रहे।
इस पहल के अंतर्गत बाल स्वास्थ्य, पोषण, किशोर और युवा विकास, जलवायु-लचीली प्रणालियों, शिक्षा, कौशल विकास और वंचित समूहों के सामाजिक संरक्षण जैसे क्षेत्रों में सीएसआर निवेश की संभावनाएं तलाशी जाएंगी।
यूनिसेफ बंगाल प्रमुख मंजुर हुसैन ने उम्मीद जताई कि यह संवाद यूनिसेफ की विशेषज्ञता को कॉर्पोरेट योजनाओं से जोड़ने में मदद करेगा, जिससे बच्चों के विकास में निवेश को प्रभावी बनाया जा सकेगा।
राज्य की महिला और बाल विकास विभाग की प्रधान सचिव संगमित्रा घोष ने बता या कि अब तक पोर्टल पर 450 करोड़ की परियोजनाएं अपलोड की जा चुकी हैं और 37 औद्योगिक इकाइयां इसमें पंजीकृत हो चुकी हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर