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-एक दिन में 67 नक्सलियों के आत्मसमर्पण से 'लाल आतंक' काे लगा सबसे बड़ा झटका
बीजापुर, 25 जुलाई (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में पुलिस नक्सलियों के खिलाफ पूना मारगेम यानी पुनर्वाव से पुनर्जीवन अभियान चला रही है। पिछले 2-3 दिन पहले ही इस नए अभियान की शुरुआत हुई है, जिसका गुरूवार काे बड़ा परिणाम देखने काे मिला। जिसके तहत बस्तर संभाग में एक साथ एक ही दिन में चार जिले में दाे करोड़ 27 लाख रुपये के इनामी 67 नक्सलियों के आत्मसमर्पण से 'लाल आतंक' को अब तक का सबसे बड़ा झटका लगा है।
वहीं बस्तर संभाग में पहली बार नक्सली संगठन के स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर कैडर के किसी नक्सली ने आत्मसमर्पण किया है। इस कैडर के नक्सली भले ही छत्तीसगढ़ के ही क्यों न हो लेकिन वे पड़ोसी राज्य तेलंगाना में आत्मसमर्पण करते थे । 24 जुलाई काे बीजापुर में 25 लाख रुपए के इनामी स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर कैडर के नक्सली रामन्ना इरपा उर्फ जगदीश उर्फ विकेश निवासी बीजापुर ने आत्मसमर्पण किया है। इसके बाद और भी बड़ी सफलता उम्मीद की जा रही है।
बीजापुर में आत्मसमर्पण के बाद रामन्ना इरपा उर्फ जगदीश उर्फ विकेश ने कहा कि छोटी उम्र में ही नक्सलवाद की विचारधारा से प्रभावित होकर नक्सल संगठन में भर्ती हो गया था। पहले नक्सली जल-जंगल-जमीन काे बचाने की बात करते थे, लेकिन अब उनकी विचारधारा बदल गई है। उनकी दोहरी नीति है, हम विकास चाहते हैं, इसलिए हथियार डाल दिए।
25 लाख रुपये के इनामी और स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर कैडर के नक्सली रामन्ना इरपा उर्फ जगदीश उर्फ विकेश वर्ष 2002 से नक्सल संगठन में सक्रिय था। यह ओडिशा राज्य कमेटी सदस्य, कंपनी नंबर 8 इंचार्ज और कमांडर, ओडिशा पूर्वी सब जोनल ब्यूरो कमांडर इन चीफ समेत अन्य कैडर में सक्रिय रहा है। रामन्ना इरपा उर्फ जगदीश उर्फ विकेश छत्तीसगढ़ और ओडिशा में कई बड़ी नक्सल वारदाताें में भी शामिल रहा है। छत्तीसगढ़ में ट्रेनिंग देने के बाद नक्सली इसे पड़ोसी राज्य ओडिशा भेज दिए थे। यहीं इसने ज्यादा समय बिताया है। वहीं तेलंगाना, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के बड़े कैडर्स के साथ काम कर चुका है। ऐसे में पुलिस को इसके आत्मसमर्पण से नक्सली संगठन के कई अहम सुराग मिल सकते हैं।
वहीं इस मामले में बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने शुक्रवार काे कहा कि यह नक्सल संगठन के लिए बड़ा झटका है। उन्होंने कहा कि बड़े कैडर के नक्सलियों का आत्मसमर्पण होना इस बात का संकेत है कि संगठन के भीतर विश्वास टूट रहा है। IG ने अन्य नक्सलियों से भी अपील की है कि वे हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटें और सरकारी योजनाओं का लाभ लें।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे