काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कार्यकारिणी परिषद का सदस्य बनने पर महापौर ने जताया हर्ष
फोटो प्रतीक


बोले—काशी और बीएचयू की सेवा करना मेरे लिए गौरव की बात,बीएचयू के विकास के लिए समर्पित रहूंगा

वाराणसी,24 जुलाई (​हि.स.)। उच्च शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने चार साल के बाद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की नई कार्यकारिणी परिषद की घोषणा कर दी है। नई कार्यकारिणी परिषद की आठ सदस्यीय टीम में वाराणसी के महापौर अशोक तिवारी को भी शामिल किया गया है। कार्यकारिणी परिषद का सदस्य बनाए जाने पर महापौर अशोक तिवारी ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने बयान जारी कर कहा कि महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की इस सुन्दर बगिया में सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ है, यह मेरे लिये बहुत सौभाग्य की बात है। बीएचयू कार्यकारिणी समिति में सम्मिलित होना मेरे लिये बहुत गर्व की बात है। महापौर ने बताया कि महामना के सपनों के इस विश्वविद्यालय के विकास के लिये मै चौबीस घंटे उपलब्ध रहूंगा। सभी के सहयोग से शिक्षा के इस तीर्थ नगरी में शिक्षा का स्तर और उत्थान में हर संभव योगदान दूॅगा । परिषद में एक सेवक के रूप में कार्य करूॅगा। अह्म जिम्मेदारी मिलने पर महापौर ने शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार और भाजपा संगठन को धन्यवाद ज्ञापित किया है। पहली बार किसी महापौर को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कार्यकारिणी परिषद में शामिल होने पर नगर निगम वाराणसी में खुशी की लहर है। कर्मचारी और अफसरों के साथ पार्षद भी उन्हें बधाई दे रहे है।

बताते चले बीएचयू की नई कार्यकारिणी परिषद गठन के बाद बुधवार देर शाम शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग ने पत्र जारी कर यह सूचना दी । इसमें बताया गया कि बीएचयू के विजिटर के अधिकारों के अंतर्गत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने एक्जीक्यूटिव काउंसिल के आठ सदस्यों को नामित किया है। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय, वाराणसी महापौर अशोक तिवारी, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल और दिल्ली विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. योगेश सिंह के अलावा चार अन्य शिक्षाविद हैं। यह पत्र बीएचयू कुलसचिव कार्यालय को मिल चुका है। नियमानुसार कुलपति कार्यकारिणी परिषद के अध्यक्ष और रजिस्ट्रार सचिव होते हैं। इनके अलावा आठ सदस्य विश्वविद्यालय से संबंधित सभी महत्वपूर्ण फैसले लेंगे। बीएचयू में पिछली कार्यकारिणी परिषद कुलपति प्रो. राकेश भटनागर के समय थी। उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद जून-2021 में कार्यकारिणी परिषद भंग हो गई थी।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी