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हुगली, 24 जुलाई (हि.स.)। कभी देश के गौरव मानी जाने वाली हिंदुस्तान मोटर्स की फैक्ट्री, जो साल 2014 में बंद हो गई थी, अब एक बार फिर से औद्योगिक पुनर्जागरण का गवाह बनने जा रही है। लगभग एक दशक बाद उस बंद फैक्ट्री की जमीन पर फिर से उद्योग स्थापित होने जा रहा है, जिससे इलाके के लोगों में आशा की नई किरण जगी है।
राज्य सरकार ने हिंदुस्तान मोटर कारखाने की लगभग 395 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था। गुरुवार को अतिरिक्त जिलाधिकारी, अनुमंडल अधिकारी समेत जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में अधिग्रहित भूमि पर राज्य सरकार के अधिग्रहण का आधिकारिक साइनबोर्ड लगा दिया गया।
सरकार ने यह अधिग्रहित जमीन टिटागढ़ वैगन को सौंप दी है, जो यहां मेट्रो रेल कोच और ईएमयू एसी कोच तैयार करेगी। इसके अलावा बाकी की अधिग्रहित भूमि पर भी अन्य औद्योगिक परियोजनाओं की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।
उल्लेखनीय है कि यह वही जगह है जहां कभी एशिया की पहली मोटर कार फैक्ट्री हुआ करती थी। यहीं पर कभी मशहूर ‘अम्बेसडर कार’ का निर्माण होता था, जो नेता, मंत्री और प्रशासनिक अधिकारियों की पसंदीदा कार मानी जाती थी। समय के साथ कार की लोकप्रियता घटती गई और नए मॉडलों के आने से बाजार में इसकी मांग खत्म हो गई। धीरे-धीरे फैक्ट्री बीमारू घोषित हुई और अंततः 2014 में इसका शटर हमेशा के लिए बंद हो गया।
इस जमीन के अधिग्रहण को लेकर कई तरह की जटिलताएं भी सामने आई थीं। साल 2022 में जब राज्य सरकार ने जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की, तब मामला हाईकोर्ट से होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। अंततः सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बी.वी. नागरत्ना और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की बेंच ने राज्य सरकार के पक्ष को सही ठहराते हुए अधिग्रहण को वैध बताया।
अब जब सभी कानूनी अड़चनें समाप्त हो चुकी हैं, तब हिंदमोटर में एक बार फिर से औद्योगिक गतिविधियों की शुरुआत का रास्ता साफ हो गया है। स्थानीय निवासी जहां फिर से रोज़गार और विकास की उम्मीदों में हैं, वहीं सरकार इसे औद्योगिक पुनरुत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मान रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय