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श्रीनगर 24 जुलाई (हि.स.)। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस्लामिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, अवंतीपोरा में विकसित भारत युवा कनेक्ट कार्यक्रम को संबोधित किया।
युवा कनेक्ट, युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए विकसित भारत-युवा कनेक्ट कार्यक्रम के अंतर्गत यह एक प्रमुख पहल है।
अपने संबोधन में उपराज्यपाल ने युवा सहभागिता के लिए इस परिवर्तनकारी मंच की सराहना की जिसका उद्देश्य युवा नागरिकों और नीति निर्माताओं के बीच की खाई को पाटना और युवाओं को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदार बनने के लिए सशक्त बनाना है।
उन्होंने कहा कि यह पहल संरचित युवा सहभागिता को बढ़ावा देने और युवा नागरिकों और नीति निर्माताओं के बीच एक मजबूत संबंध बनाने की दिशा में एक कदम है।
उन्होंने कहा कि विकसित भारत युवा कनेक्ट कार्यक्रम का उद्देश्य एक ऐसा मंच तैयार करना है जहाँ युवा विचार साझा कर सकें, नीतिगत संवादों में शामिल हो सकें और विकसित भारत की दिशा में भारत की विकास यात्रा में सक्रिय योगदान देने के लिए प्रेरित हो सकें।
उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूथ कनेक्ट के चार मुख्य उद्देश्य निर्धारित किए थे जिसमें जुड़ना, प्रोत्साहित करना, सक्षम बनाना और प्रेरित करना शामिल हैं। माई भारत मंच का लाभ उठाते हुए यह कार्यक्रम भारत के युवाओं के बीच संवाद, सहभागी शासन और नेतृत्व विकास को बढ़ावा देने पर ज़ोर देता है जिससे वे 2047 तक देश की प्रगति और विकास यात्रा में प्रभावी योगदान देने के लिए तैयार हो सकें।
यह कार्यक्रम युवा मस्तिष्कों को नागरिक और राष्ट्रीय मुद्दों में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रेरित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह युवाओं को अपने विचार साझा करने, नीतिगत संवादों में भाग लेने और राष्ट्रीय महत्व के मामलों पर अपने दृष्टिकोण व्यक्त करने के लिए संरचित अवसर प्रदान करता है। उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं को भारत की विकास यात्रा का नेतृत्व करने और देश की गंभीर चुनौतियों के लिए अभिनव समाधान प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया।
उपराज्यपाल ने कहा कि युवा जम्मू-कश्मीर के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेंगे और दीर्घकालिक शांति एवं समृद्धि सुनिश्चित करेंगे। इस 21वीं सदी में निरंतर परिवर्तन और चुनौतियों के बावजूद हमारे युवा-हमारी सबसे मूल्यवान संपत्ति-ही हैं जो सामाजिक-आर्थिक क्रांति को गति देने की शक्ति रखते हैं। अनंत संभावनाओं से भरपूर जम्मू-कश्मीर अपने महत्वाकांक्षी युवाओं को प्रचुर संसाधनों और अवसरों से सशक्त बना रहा है। राष्ट्र-प्रथम के संकल्प के साथ आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के “पंच प्राण“ संकल्प को अपनाएँ।
उपराज्यपाल ने युवाओं से कहा कि पहल, नेतृत्व, आत्मविश्वास, दृढ़ता, कल्पनाशीलता और असफलता से सीखने का साहस जैसे गुण आपको विकसित भारत की यात्रा पर मार्गदर्शन करेंगे।
उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में प्रगतिशील सुधारों को लागू करने के लिए आईयूएसटी के उपकुलपति और संकाय सदस्यों को बधाई दी जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के उच्च शिक्षा क्षेत्र में बदलाव लाने और देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों को प्रेरित करने में योगदान दिया। उन्होंने कहा कि यह सही समय है जब आईयूएसटी को एक सेमीकंडक्टर लैब स्थापित करने पर काम करना चाहिए।
उपराज्यपाल ने आगे कहा कि हम विकसित भारत के संकल्प को तभी प्राप्त कर सकते हैं जब जम्मू-कश्मीर विकसित हो जब हमारे जिले विकसित हों और सबसे महत्वपूर्ण बात हमारे विश्वविद्यालय विकसित हों और हमारी आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँ। मुझे गर्व है कि आईयूएसटी इस संकल्प के साथ पूरी ईमानदारी से काम कर रहा है।
सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उपराज्यपाल ने युवाओं से सरदार पटेल की कल्पना के अनुरूप भारत के उज्ज्वल भविष्य और एक समावेशी समाज के निर्माण के लिए स्वयं को पूरी तरह समर्पित करने का आग्रह किया।
उपराज्यपाल ने नशीली दवाओं की समस्या से निपटने के अपने संकल्प को भी दोहराया और जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक विश्वविद्यालय को नशामुक्त बनाने का दृढ़ संकल्प लिया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि केवल नशामुक्त परिसर ही राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकते हैं और यह लक्ष्य कुछ प्रमुख पहलों के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।
नशा-विरोधी अभियान प्रवेश स्तर से ही शुरू होना चाहिए और प्रत्येक छात्र को नशे से दूर रहने की शपथ लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। प्रत्येक विश्वविद्यालय को संकाय सदस्यों की देखरेख में एक ’नशे को ना कहें छात्र समिति’ स्थापित करनी चाहिए जो एक प्रारंभिक चेतावनी तंत्र के रूप में कार्य करेगी।
विश्वविद्यालयों को एक गोपनीय रिपोर्टिंग प्रणाली बनानी चाहिए और ज़रूरतमंद छात्रों को टेली-मानस जैसी हेल्पलाइनों के माध्यम से सहायता की सुनिश्चित पहुँच प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि परामर्श और सहायता प्रणालियों के अलावा, नशा मुक्ति विषयवस्तु को शैक्षणिक पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए।
उपराज्यपाल ने विकसित भारत युवा संसद, वाद-विवाद प्रतियोगिताओं सहित पूर्व-कार्यक्रमों के विजेताओं को सम्मानित किया और 12 अगस्त को होने वाले आगामी मुख्य कार्यक्रम के लिए अपनी शुभकामनाएँ दीं। इस महत्वपूर्ण दिन पर माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी “विकसित भारत-युवा संपर्क कार्यक्रम“ का औपचारिक शुभारंभ करेंगे जिसमें वे एक साथ 1,339 विश्वविद्यालयों के छात्रों और शिक्षकों से जुड़ेंगे।
इस अवसर पर उपराज्यपाल ने विकसित भारत शपथ दिलाई जो राष्ट्र की प्रगति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने वाली एक सामूहिक प्रतिज्ञा है। उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रकाशन और शैक्षणिक उत्कृष्टता प्राप्त करने तथा विश्वविद्यालय को भविष्य के लिए तैयार करने हेतु आईयूएसटी की संस्थागत विकास योजना का भी विमोचन किया।
आईयूएसटी के उपकुलपति प्रो. शकील अहमद रोमशू ने एक विशेष प्रस्तुति दी कि कैसे विकसित भारत/2047 के विजन को विश्वविद्यालय की संस्थागत विकास योजना में एकीकृत किया जा रहा है, जिसमें विभाग और केंद्र स्तर तक प्रशासनिक, शैक्षणिक, शोध और आउटरीच गतिविधियाँ शामिल हैं।
छात्रों के बीच एक खुला संवाद सत्र, युवा संवाद, भी आयोजित किया गया जिसमें नागरिक जिम्मेदारियों, राष्ट्रीय विकास और समसामयिक मुद्दों पर चर्चा की गई। इसके बाद सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन और विरासत को श्रद्धांजलि स्वरूप “सरदार/150“ वीडियो का प्रदर्शन किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह