हिमाचल में पांच दिन भारी वर्षा का अलर्ट, 311 सड़कें बंद
शिमला में वर्षा


शिमला, 24 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में मानसून एक बार फिर रफ्तार पकड़ने को तैयार है। मौसम विभाग ने 26 जुलाई से 30 जुलाई तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है और इसको लेकर येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। हालांकि आज और कल प्रदेश में कुछ राहत मिलने की उम्मीद जताई गई है, जब हल्की से मध्यम बारिश होने का पूर्वानुमान है।

मौसम विभाग की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार कांगड़ा ज़िले के नगरोटा सुर्रियाँ में सबसे ज्यादा 55 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा बिलासपुर के नैना देवी में 33 मिमी, गुलेर में 29 मिमी, नाहन में 28 मिमी, मुरारी देवी में 22 मिमी, घुमरूर में 19 मिमी, कसौली में 18 मिमी और भटियात में 14 मिमी वर्षा रिकॉर्ड हुई। राजधानी शिमला और आसपास के इलाकों में भी बीती रात बारिश हुई, हालांकि गुरुवार सुबह से मौसम साफ है।

311 सड़कें बंद, बिजली-पानी भी बाधित

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश के कई स्थानों पर भारी बारिश और भूस्खलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त बना हुआ है। गुरूवार सुबह तक एक नेशनल हाईवे समेत कुल 311 सड़कें अब भी बंद पड़ी हैं। मंडी ज़िले में सबसे ज्यादा 184 सड़कें ठप हैं, वहीं कुल्लू में 71 और सिरमौर में 22 सड़कों पर यातायात अवरुद्ध है। मंडी के कोटली क्षेत्र में नेशनल हाईवे-70 भी बंद है।

इसके अलावा पूरे प्रदेश में 65 बिजली ट्रांसफार्मर और 221 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हैं। मंडी ज़िले में 49 ट्रांसफार्मर और 65 पानी की स्कीमें ठप हैं। चंबा ज़िले के तीसा उपमंडल में 10 ट्रांसफार्मर खराब होने से बिजली गुल है। वहीं चंबा में 60, कांगड़ा में 59 और सिरमौर में 34 पानी की स्कीमें बंद पड़ी हैं।

मानसून सीजन में अब तक 137 की मौत, अरबों की संपत्ति का नुकसान

इस मानसून सीज़न में 20 जून से अब तक हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं ने भयंकर तबाही मचाई है। अब तक कुल 137 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 228 लोग घायल हुए और 34 लोग लापता बताए जा रहे हैं। अकेले मंडी ज़िले में सबसे ज्यादा 23, कांगड़ा में 21, चंबा में 16, कुल्लू में 15 और शिमला में 11 लोगों की जान गई है।

भारी बारिश और भूस्खलन से अब तक 401 मकान, 287 दुकानें और 1066 गौशालाएं पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी हैं, जबकि 829 मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। अकेले मंडी में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, जहां 952 घर प्रभावित हुए, जिनमें से 368 पूरी तरह से तबाह हो गए हैं।

राज्य में अब तक लगभग 1382 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान आंका गया है। इसमें लोक निर्माण विभाग को सबसे ज्यादा 651 करोड़ रुपये और जल शक्ति विभाग को 488 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

26 भूस्खलन, 42 फ्लैश फ्लड और 24 बादल फटने की घटनाएं

मानसून सीजन में हिमाचल प्रदेश में अब तक 26 भूस्खलन, 42 फ्लैश फ्लड और 24 बादल फटने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। अकेले मंडी ज़िले में बादल फटने की 15, फ्लैश फ्लड की 11 और भूस्खलन की 4 घटनाओं ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा