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जीबीसी-5 और जीआईएस 2026 को लेकर नई रणनीति के साथ आगे बढ़ रही सरकार
लखनऊ, 23 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में 2023 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान 35 लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव प्राप्त करने के बाद योगी सरकार ने एक बार फिर नए निवेश प्रस्तावों के लिए कमर कस ली है। उत्तर प्रदेश में निवेश आकर्षित करने को लेकर योगी सरकार ने अब न्यू आउटरीच प्लान पर फोकस किया है।
इसको अमल में लाने के लिए प्रदेश में निवेश की नोडल एजेंसी इन्वेस्ट यूपी ने अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर रोडशो की व्यापक रणनीति बनाई है। इसके तहत, चीन+1 रणनीति के तहत आयोजित होने वाले रोडशो के अतिरिक्त सितम्बर-अक्टूबर 2025 में सिंगापुर, जापान, दक्षिण कोरिया, यूएई, कतर और कनाडा में भी अंतरराष्ट्रीय रोडशो का आयोजन किया जाएगा। इन रोडशो का मुख्य उद्देश्य आगामी फरवरी 2026 में होने वाले यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) के लिए नए निवेश प्रस्तावों को आकर्षित करना है। इसके लिए दिसम्बर 2025 से जनवरी 2026 की शुरुआत तक देश के अलग-अलग शहरों में भी राष्ट्रीय स्तर पर रोडशो किए जाएंगे, ताकि घरेलू निवेशकों को भी जोड़कर समिट को नई ऊंचाई दी जा सके।
ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 5.0 में दिखेगा बड़ा असर
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि नए निवेशकों के आउटरीच प्रोग्राम से पहले योगी सरकार नवम्बर में पांचवीं ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी-5) का आयोजन करने जा रही है। इसमें 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश को धरातल पर उतारने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार का मानना है कि जैसे-जैसे जीबीसी-5 का समय नजदीक आएगा, यह आंकड़ा 10 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है। अब तक प्रदेश में ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी के माध्यम से 12 लाख 10 हजार 274 करोड़ रुपये की 16 हजार 478 परियोजनाएं शामिल हुई हैं, जिनमें से चार लाख 33 हजार 528 करोड़ की 8 हजार 363 परियोजनाओं का वाणिज्यिक संचालन शुरू हो गया है। वहीं सात लाख 76 हजार 746 करोड़ रुपये की 8 हजार 115 परियोजनाएं जल्द संचालन पूरा करना शुरू कर देंगी।
नवीन नीतियों और सेक्टरों पर जोर
इन्वेस्ट यूपी ने न्यू आउटरीच नीति के तहत उभरते क्षेत्रों की पहचान की है। वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) नीति अधिसूचित हो चुकी है। फुटवियर और चर्म उत्पाद नीति को जल्द अधिसूचित किया जाएगा। इसके साथ ही सतत विमान ईंधन (सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल) और निजी निवेश प्रोत्साहन नीति के ड्राफ्ट भी तैयार किए गए हैं। इन नीतियों में त्वरित निवेश प्रोत्साहन योजना, विस्तार/विविधीकरण के लिए छूट की सीमा और एमएसएमई से बड़े उद्यमों में रूपांतरण जैसे प्रावधान शामिल होंगे।
हर 15 दिन में राउंड टेबल बैठकें, निवेशकों से सीधा संवाद
आउटरीच प्लान के माध्यम से निवेशकों के साथ प्रत्यक्ष संवाद, नई नीतियों का प्रोत्साहन और अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय मंचों पर सक्रिय भागीदारी के ज़रिए उत्तर प्रदेश को निवेश का ग्लोबल डेस्टिनेशन बनाने की तैयारी है। न्यू आउटरीच प्लान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सरकार हर 15 दिन में एक घंटे की निवेशक राउंड टेबल बैठक कर रही है। साप्ताहिक आधार पर भी बैठकें की जा रही हैं ताकि निवेशकों के फीडबैक के आधार पर रणनीति को अपडेट किया जा सके। विदेश मंत्रालय (एमईए) के सहयोग से नई लीड्स सृजित करने के लिए भी उच्चस्तरीय बैठकें की जा रही हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / मोहित वर्मा