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जयपुर, 23 जुलाई (हि.स.)। राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका पेश की गई है। जिस पर अगले सप्ताह सुनवाई संभव है। विश्वविद्यालय के एमए समाजशास्त्र प्रथम वर्ष के छात्र जय राव की ओर से दायर इस याचिका में प्रमुख उच्च शिक्षा सचिव और विवि के वीसी को पक्षकार बनाया गया है।
याचिका में अधिवक्ता शांतनु पारीक ने बताया कि विश्वविद्यालय के प्रत्येक छात्र को अपना प्रतिनिधि चुनने का संवैधानिक अधिकार हैं अपने प्रतिनिधि के माध्यम से ही विद्यार्थियों की समस्याएं प्रशासन तक पहुंचती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी केरल विश्वविद्यालय के मामले में इसे मूलभूत अधिकार माना है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट कर चुका है कि मूलभूत अधिकार को किसी कानून या कोर्ट आदेश से छीना नहीं जा सकता। वहीं लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के तहत हर साल छात्रसंघ चुनाव कराए जाने चाहिए। कमेटी की सिफारिश के अनुसार सत्र शुरु होने के छह से आठ सप्ताह के भीतर छात्रसंघ चुनाव होने चाहिए। याचिका में कहा गया कि विश्वविद्यालय ने लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के आधार पर एक कोड ऑफ कंडक्ट बना रखा है और यदि उसकी अवहेलना होती है तो नियमानुसार कार्यवाही का प्रावधान भी किया गया है। इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन की और से ही इसी कमेटी की सिफारिशों को नहीं माना जा रहा। याचिका में कहा गया कि कमेटी की सिफारिश होने सुप्रीम कोर्ट की ओर से इसे मूलभूत अधिकार घोषित करने के बावजूद भी राजस्थान विश्वविद्यालय प्रशासन ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए छात्रसंघ चुनाव कराने के लिए अभी तक कोई अधिसूचना जारी नहीं की है।
कोर्ट पीआईएल कर चुकी खारिज- गौरतलब है कि साल 2023 में छात्रसंघ चुनाव कराने के लिए जनहित याचिका दायर की गई थी। जिसे 19 अगस्त, 2023 को हाईकोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि यह पब्लिक इंटरेस्ट पिटीशन नहीं बल्कि पब्लिसिटी इंटरेस्ट पिटीशन है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक